कोरोना वैश्विक महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों को संरक्षण प्रदान करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहा है। उपायुक्त रोहित जम्वाल ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते यदि किसी बच्चे के माता-पिता की मृत्यु हो जाती है तो उन अनाथ बेसहारा नाबालिग बच्चों के संरक्षण व देखभाल हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आवश्यक प्रबंध किए गए है।
उन्होंने बताया कि अनाथ व बेसहारा नाबालिग बच्चो की देखभाल और संरक्षण प्रदान करने के लिए जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति से सम्पर्क किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि ऐसे बच्चों की देखभाल के लिए 2500 रुपये प्रतिमाह आर्थिक सहायता दी जाती है। उन्होंने बताया कि संरक्षण हेतु जिला बिलासपुर में अपराजिता बाल गृह भगेड तहसील घुमारवीं में संचालित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जिला बाल संरक्षण इकाई बिलासपुर के अंतर्गत बाल देखभाल संस्थान अपराजिता बाल गृह भगेड हेतु टास्क फोर्स का गठन किया गया है जिसमें एस.डी.एम. घुमारवीं (नोडल आॅफिसर), खण्ड चिकित्सा अधिकारी घुमारवीं (सदस्य), बाल विकास परियोजना अधिकारी घुमारवीं (सदस्य) तथा जिला बाल संरक्षण अधिकारी बिलासपुर (सदस्य-सचिव) मनोनीत किए गए है। उन्होंने बताया कि ऐसे बच्चों की सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर 1098 पर दी जा सकती है। इसके अतिरिक्त जिला कार्यक्रम अधिकारी मोबाईल नम्बर 70182-29430 व जिला बाल संरक्षण अधिकारी मोबाईल नम्बर 82191-44917 पर भी सूचना दे सकते है।