हिमाचल प्रदेश को इलेक्ट्रिक वाहनों का हब बनाया जाएगा। साल 2025 तक सभी श्रेणियों के इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रदेश में उत्पादन भी होगा। इसके लिए सरकार ने हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिक पॉलिसी-2022 को अधिसूचित कर दिया है। प्रदेश सरकार ने साल 2025 तक 15 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत करने का लक्ष्य तय किया है। वहीं, प्रदेश के चार शहरों शिमला, मंडी, बद्दी और धर्मशाला को इलेक्ट्रिक वाहन टाउन बनाने का प्रस्ताव है।
नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के तहत हिमाचल प्रदेश में विशेष इलेक्ट्रिक व्हीकल पार्क स्थापित किए जाएंगे। इलेक्ट्रिक वाहन बनाने के लिए राज्य में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स तैयार की जाएंगी। इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड बढ़ने से ज्यादा उद्योग खोले जाएंगे। इलेक्ट्रिक वाहन इस्तेमाल करने वालों की सुविधा के लिए नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर 25 किलोमीटर के दायरे में इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे और बिजली बोर्ड इन्हें पावर सप्लाई प्रदान करेगा।
सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर प्रति किलो वाट के हिसाब से सब्सिडी तय करेगी। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी अगले पांच साल तक लागू होगी। सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर सड़क टोकन टैक्स में छूट देगी। हाईवे पर भी राज्य और बाहरी प्रदेशों के इलेक्ट्रिक वाहनों से टोल टैक्स नहीं लिया जाएगा। वाणिज्यिक परमिट फीस में केंद्रीय भूतल परिवहन एवं उच्च मार्ग मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार छूट दी जाएगी।
नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत सरकार एक इलेक्ट्रिक वाहन पार्क तैयार करेगी। यह 100-200 एकड़ में बनाया जाएगा। इलेक्ट्रिक वाहनों का सरकारी उपयोग के साथ टैक्सी के रूप में भी उपयोग किया जाएगा। शहरों, राष्ट्रीय राजमार्गों तथा राज्य राजमार्गों पर एक्सटेंशन बैटरी के लिए फास्ट चार्जिंग स्टेशन के साथ स्वैपिंग स्टेशन भी बनाए जाएंगे।