सोलन, 28 फरवरी
शूलिनी विश्वविद्यालय ने सोमवार को सोफ़िस्टिकटेड ऐनलिटिकल इन्स्ट्रमेंटल फ़सिलिटी, पंजाब विश्वविद्यालय के सहयोग से विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा समर्थित कार्यक्रम “आजादी का अमृत महोत्सव” के तहत राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की मेजबानी की।
कार्यक्रम के दौरान सोलन, शिमला और कसौली के छह प्रमुख स्कूलों के छात्र और संकाय सदस्य उपस्थित थे।अपने संबोधन में कुलाधिपति प्रो. पीके खोसला ने वैज्ञानिक पत्रिकाओं और शोध प्रकाशनों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सर सी.वी रमन के जीवन और उनकी खोज के बारे में बात की। उन्होंने कहा, “विज्ञान एकमात्र पेशा जो आपको अमर बना देगा।” उन्होंने शूलिनी विश्वविद्यालय में सभी छात्रों का स्वागत करते हुए कहा, “भारत को विज्ञान संचालित देश बनाने का भार आप पर है।”
कुलपति प्रो. अतुल खोसला ने भावी कौशल पर चर्चा की। उन्होंने छात्रों से उनके भविष्य और विज्ञान के भविष्य के बारे में बात की। उन्होंने टीम वर्क के महत्व के बारे में विस्तार से बताया और अपने कॉलेज के दिनों के अनुभव साझा किए। उन्होंने विज्ञान और गणित के कोलेबोरेसन पर चर्चा करने के लिए वास्तविक जीवन के उदाहरणों का भी इस्तेमाल किया। “भविष्य में, सफल होने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कौशल, सहयोग होगा,” उन्होंने कहा।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुई और इसके बाद विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों का अभिनंदन किया गया। माइक्रोबायोलॉजिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया ने भी अपना माइक्रोबायोलॉजी कैलेंडर लॉन्च किया। श्री सुनील पुरी, श्रीमती पूनम नंदा, डीन स्टूडेंट वेलफेयर, डॉ. आशू खोसला, प्रो. कुलदीप चंद रोझे, और डॉ अनुराधा सोरिराजन इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।
यह कार्यक्रम विज्ञान संकाय, शूलिनी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किया गया था और इसकी मेजबानी डॉ. प्राची कपिल ने की थी।
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