सीएम सुक्खू से नाराज हैं ये बड़े नेता …किया बड़ा दावा; हिमाचल प्रदेश सरकार में सब कुछ ठीक नहीं?

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सरकार गठन में छह महीने बाद CM सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार से अब कांग्रेस नेताओं की नाराजगी खुलकर भी सामने आने लगी है. हाल ही में पूर्व विधायक नीरज भारती की ओर से की गई टिप्पणी चर्चा का विषय बनी हुई है. हिमाचल प्रदेश की राजनीति में नीरज भारती जाना-पहचाना नाम हैं. नीरज भारती लगातार अपनी टिप्पणियों के लिए सुर्खियों में बने रहते हैं. प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार रहते हुए नीरज भारती लगातार सरकार को घेरते हुए भी नजर आते थे. अब नीरज भारती अपनी ही सरकार पर टिप्पणी करने के लिए फिर चर्चा में हैं. नीरज भारती ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के व्यवस्था परिवर्तन वाले नारे पर टिप्पणी की है. नीरज भारती ने फेसबुक पर लिखा- ‘व्यवस्था परिवर्तन तब होगा जब अवस्था परिवर्तन होगा, अवस्था अभी भी वैसी ही है. जैसे दिसंबर 2022 तक थी’.

नीरज भारती की इस टिप्पणी के बाद प्रदेश भर में चर्चाओं का बाजार गर्म है. हर कोई इस टिप्पणी के अलग-अलग मायने निकाल रहा है. नीरज भारती ज्वाली विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे हैं और वीरभद्र सरकार में शिक्षा विभाग के मुख्य संसदीय सचिव की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं. नीरज भारती के पिता चौधरी चंद्र कुमार सुक्खू मंत्रिमंडल में कृषि विभाग के मुखिया हैं. ऐसे में नीरज भारती की यह टिप्पणी सरकार की परेशानी वाली बढ़ाने वाली है. नीरज भारती जिला कांगड़ा से आते हैं. कहा जाता है कि हिमाचल प्रदेश की राजनीति का रास्ता कांगड़ा से होकर गुजरता है. कुल 16 विधानसभा सीटों में से 10 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली है, लेकिन कांगड़ा को सिर्फ एक ही मंत्री मिला है. यह मंत्री पद नीरज भारती के पिता चौधरी चंद्र कुमार के हिस्से ही आया है. चंद्र कुमार पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के भी बेहद करीबी माने जाते रहे हैं

हिमाचल प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में एक चर्चा यह भी है कि सुक्खू मंत्रिमंडल के सदस्यों और कांग्रेस विधायकों की अनदेखी होने के साथ बातें भी अनसुनी की जा रही हैं. हाल ही में पत्र विवाद को लेकर सुर्खियों में आए मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी के बारे में तो चर्चा यह भी है कि इनका अन्य मंत्रियों से आदेश मानना तो दूर, यह साहब मुख्यमंत्री के अलावा किसी मंत्री का फोन तक नहीं उठाते. कई कैबिनेट मंत्री और विधायक इसकी शिकायत मुख्यमंत्री के पास भी कर चुके हैं. बावजूद इसके स्थिति ज्यों की त्यों ही बनी हुई है. जिला कांगड़ा के ही एक विधायक विभाग के सचिव को लगातार तीन दिन तक फोन करते रहे. लेकिन, न तो सचिव ने फोन उठाया और न ही उन्हें फोन वापस आया. इसकी शिकायत भी विधायक ने मुख्यमंत्री के पास की थी.

हिमाचल प्रदेश सरकार ने इन दिनों ट्रांसफर पर भी बैन लगाया हुआ है. सिर्फ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ही विशेष मामलों में अनुमति देकर ट्रांसफर कर रहे हैं. ऐसे में विधायकों को जीताकर विधानसभा पहुंचाने वाले समर्थक और कार्यकर्ता भी खासे नाराज हैं. हिमाचल प्रदेश की राजनीति में अपने लोगों को मनचाहे स्थान पर पोस्टिंग देने की राजनीति सालों पुरानी है. इस रवायत पर भी फिलहाल अल्पविराम लगा हुआ है. यह अल्पविराम हिमाचल प्रदेश सरकार के मंत्रियों और कांग्रेसी विधायकों की परेशानी बढ़ा रहा है. जानकारों की मानें, तो कई अन्य मंत्रियों बड़े नेताओं और आम कार्यकर्ता की राय भी पूर्व विधायक नीरज भारती से अलग नहीं है.