शनिवार को सोलन शहर के मॉल रोड़ पर पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस से ओल्ड डीसी आफिस तक भाजपा द्वारा जन आक्रोश रैली निकाली गई,जिसमे भाजपा के प्रदेश सह प्रभारी संजय टंडन विशेष रूप से मौजूद रहे,इस दौरान प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा खोले गए संस्थानों को डिनोटिफाइ करने को लेकर भाजपा नेताओं ने रैली निकालकर नारेबाजी करते हुए अपना विरोध प्रदर्शन जाहिर किया।
इस दौरान प्रदेश भाजपा सह प्रभारी संजय टंडन ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वेष की राजनीति से कार्य कर रही है पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा जो संस्थान जनता के हित में खोले गए थे उन्ही संस्थानो को बंद करके जनता के हितों के साथ कांग्रेस सरकार ने खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि जन प्रहरी योजना की जो पेंशन थी इसको कांग्रेस ने बंद किया है, उस समय इमरजेंसी में जिन लोगों के साथ गलत व्यवहार हुआ था जिन को जेल जाना पड़ा था उनके लिए पेंशन का प्रावधान किया गया था लेकिन उसको बन्द करके कांग्रेस ने बताया है कि वही नीति दोहराई है कि वह आज भी इमरजेंसी को सही मानते हैं आज उन्होंने यह करके दिखाया है।
भाजपा प्रदेश सह प्रभारी संजय टंडन ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस ने सत्ता में आते ही 10 गारंटी देने का वादा किया था लेकिन अभी तक एक भी गारंटी सरकार पुरी नहीं कर पाई है लेकिन जो भाजपा ने अपने कार्यकाल में विकास कार्य किए थे उन विकास कार्यों को डिनोटिफाई करने का काम इन दिनों प्रदेश की कांग्रेस सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि आज जनता का रोष सड़कों पर निकला है और इसी को चलते भाजपा ने आज आक्रोश रैली निकाली है। वहीं दूसरी तरफ शिमला लोकसभा के सांसद और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि प्रदेश में इन दिनों डिनोटिफाई सरकार चल रही है जो सिर्फ जनता को दुख देने का ही कार्य कर रही है। सुरेश कश्यप ने कहा कि सरकार लगातार उन कार्यों को कर रही है जिससे जनता के हितों से खिलवाड़ हो रहा हैं लगातार महंगाई को बढ़ाया जा रहा है।
वहीं दूसरी तरफ जो स्कूलों में बच्चों को वर्दियां मिलती थी उसके ऊपर भी अब जाति के आधार पर राजनीति करने का प्रयास कांग्रेस कर रही है। सुरेश कश्यप ने कहा कि भाजपा ने अपने कार्यकाल में जो संस्थान जनता के हितों को देखते हुए खोले थे आज उन्हें डिनोटिफाई करने का काम कांग्रेस सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार यह कह रही है कि बिना बजट के संस्थान खोले गए थे लेकिन जब कभी भी संस्थान खोले जाते हैं तो उसके लिए विशेष बजट का प्रावधान किया जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार को इसका जवाब जल्दी मिलने वाला है और जनता में इसका खासा रोष है।