फूलों की खेती में किसानों को किया प्रशिक्षित…

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क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, धौलाकुआं एवं कृषि एवं संबद्ध विज्ञान कौशल विकास केंद्र, डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी द्वारा ‘वाणिज्यिक पुष्पकृषि एवं मूल्य संवर्धन’ पर सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम, शिमला द्वारा प्रायोजित किया गया था। प्रशिक्षण समन्वयक डॉ प्रियंका ठाकुर ने बताया कि प्रशिक्षण में नाहन, नारग, महत, शिलाई, सैनवाला, ददाहू, भरापुर, धौलाकुआं आदि के 20 किसानों ने भाग लिया। फूलों की खेती के विभिन्न पहलुओं जैसे नर्सरी उत्पादन और खुले, संकन बेड और पॉली टनल में वार्षिक और बारहमासी पौधों के रखरखाव पर प्रशिक्षण दिया गया। जरबेरा, गुलाब, गेंदा, डहलिया, रजनीगंधा, ग्लेडियोलस और गुलदाउदी फूलों के कट फ्लावर और उत्पादन संबन्धित जानकारी साझा की गई। प्रशिक्षुओं को कीट एवं रोग प्रबंधन के बारे में भी बताया गया और ऑफ-सीजन फूलों के उत्पादन के लिए हाइड्रोपोनिक जैसी उन्नत प्रणालियाँ के बारे में जानकारी साझा की गई। किसानों को सजावटी वस्तुओं के निर्माण तकनीकों पर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षुओं का एक पूरे दिन का एक्सपोजर दौरा आयोजित किया गया जहां उन्होंने प्रगतिशील किसानों रवि स्वरूप (जरबेरा उत्पादक) और दलीप चौहान (गुलाब उत्पादक) के साथ बातचीत की और वाणिज्यिक फूलों की खेती के व्यावहारिक पहलुओं को सीखा। स्टेशन के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ एके जोशी ने सभी प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र वितरित किए और प्रतिभागियों से फूलों की खेती में अपना उद्यम शुरू करने का आग्रह किया।