जल का संरक्षण वर्तमान समय की मांग…..

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उपायुक्त सोलन कृतिका कुलहरी ने कहा कि जीवन के लिए जल नितांत आवश्यक है और जल का संरक्षण वर्तमान समय की मांग है। जल की एक-एक बून्द को बचाकर और जल का सदुपयोग कर ही हम भावी पीढ़ी को पर्याप्त मात्रा में उपयोग के लिए जल उपलब्ध करवा पाएंगे। उपायुक्त आज यहां ‘कैच दी रेन’ अभियान के अन्तर्गत विभिन्न विभागों की जिला स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहीं थीं।
कृतिका कुलहरी ने कहा कि जल संरक्षण सभी का सामूहिक उत्तरदायित्व है तथा इस दिशा में विभागों के सार्थक प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि इस दिशा में सरकारी एवं प्रशासनिक प्रयत्नों के साथ-साथ आमजन की भागीदारी ज़रूरी है।
उपायुक्त ने जिला के सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला में 8 अप्रैल, 2022 को अपने-अपने विकास खण्ड की एक-एक चिन्हित आदर्श ग्राम पंचायत में आयोजित होने वाली ग्राम सभा की बैठक मंे अपनी उपस्थिति सुनिश्चित बनाएं। उन्होंने कहा कि वर्षा जल संग्रहण के लिए सभी सरकारी भवनों, पंचायत घरों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, विद्यालयों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों सहित अन्य सरकारी भवनों के समीप जल सरंक्षण टैंक निर्मित किए जाएं। उन्होंने कहा कि सभी विभाग अपने भवनों के प्रांगण में भूमि की उपलब्धता एवं भवन की सुरक्षा को ध्यान में रखकर जल संरक्षण पिट बनाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में प्रचुर मात्रा में वर्षा जल उपलब्ध है और इसका संरक्षण प्रदेश को भविष्य के जल संकट से निजात दिला सकता है।
उपायुक्त ने वन विभाग के अधिकारियों के निर्देश दिए कि जि़ला के भू-कटाव सम्भावित क्षेत्रों एवं नदी-नालों के समीप तथा राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर अधिक से अधिक पौध रोपण सुनिश्चित करें ताकि कृषि योग्य भूमि के कटाव को रोकने के साथ-साथ जल संरक्षण सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने कहा कि वर्षा जल संग्रहण एवं जल संरक्षण के लिए आमजन को जागरूक किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि श्रमदान के माध्यम से जिला में बेहतर जल संरक्षण संरचनाएं तैयार की जा सकती हैं।
कृतिका कुलहरी ने कहा कि जल संरक्षण के लिए प्रभावी वैज्ञानिक योजना बनाई जानी आवश्यक है। इसके लिए जल शक्ति विभाग द्वारा जल शक्ति केंद्र की स्थापना की गई है। जल शक्ति केंद्र में जल संरक्षण की नवीनतम तकनीक के साथ-साथ इस क्षेत्र के अनुभवी व्यक्तियों से जानकारी प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण में गुणवत्ता नियंत्रण मानकों का ध्यान रखा जाना भी आवश्यक है।
बैठक में जिला में सूखा प्रभावित क्षेत्रों में इस अभियान के अन्तर्गत अधिक कार्य करने और पारंपारिक जल स्त्रोतों के संरक्षण और संवर्धन पर चर्चा की गई।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त सोलन ज़फर इकबाल, जल शक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता मुकेश हीरा, अधिशाषी अभियन्ता बी.बी गोयल, खंड विकास अधिकारी धर्मपुर सुभाष अत्री सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।