हिमाचल विधानसभा के उपाध्यक्ष बने विनय कुमार

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 हिमाचल प्रदेश  के सिरमौर जिला के रेणुका जी से कांग्रेस विधायक विनय कुमार हिमाचल विधानसभा  के उपाध्यक्ष चुने गए हैं। तीन बार के विधायक विनय कुमार सर्वसम्मति से उपाध्यक्ष चुने गए। खास बात यह है कि 14वीं विधानसभा को एक साल बाद उपाध्यक्ष मिला है। विनय कुमार के पिता डॉक्टर प्रेम सिंह छह बार हिमाचल विधानसभा के सदस्य रहे हैं। विनय कुमार को लेकर सत्ता पक्ष की ओर से दो प्रस्ताव और विपक्ष की ओर से एक प्रस्ताव आया। धर्मशाला के तपोवन में मंगलवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन अपरान्ह पौने तीन बजे सदन में विस उपाध्यक्ष का चुनाव हुआ। विनय कुमार के उपाध्यक्ष के नाम को लेकर सत्ता पक्ष की ओर से दो और विपक्ष की ओर से एक प्रस्ताव आया। विनय कुमार के पक्ष में पहला प्रस्ताव मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिया, जिसका उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने समर्थन किया। दूसरा प्रस्ताव कृषि मंत्री चन्द्र कुमार ने रखा, जिसका समर्थन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री धनीराम शांडिल ने किया। तीसरा प्रस्ताव नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने दिया और इसका समर्थन विधायक हंसराज ने किया।

दोनों पक्षों की सर्वसम्मति के बाद विस अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया  ने विनय कुमार की उपाध्यक्ष के नाम की घोषणा की। नेता सदन सुखविंदर सिंह सुक्खू, संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर एक साथ उपाध्यक्ष विनय कुमार को उनकी चेयर तक ले गए। विनय कुमार ने उन्हें इस जिम्मेदारी देने के लिए मुख्यमंत्री सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और नेता विपक्ष जयराम ठाकुर का आभार जताया। उन्होंने कहा कि वह रेणुका जी हल्के के विधायक हैं, जहां से पहले मुख्यमंत्री यशवंत सिंह परमार आते थे। उनके उपाध्यक्ष बनने से रेणुका हल्के को प्रतिनिधित्व मिला है और इसके लिए वे मुख्यमंत्री के आभार हैं।मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पहली बार विनय कुमार को इस संवैधानिक पद पर आने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि काफी सोच-विचार कर विनय कुमार को इस पद के लिए चुना गया है, उनकी हंसमुख शैली है और वह इस पद के लिए सबसे उपयुक्त हैं।