हिमाचल प्रदेश में हरित परिवहन प्रणाली को सुदृढ़ बनाने की दिशा में सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि राज्य में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए चार्जिंग स्टेशनों का व्यापक नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। इस योजना के तहत 80 संभावित स्थलों का सर्वेक्षण करने के बाद 46 स्थानों का चयन किया गया है। इनमें से प्राथमिकता के आधार पर 34 जगहों पर ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम द्वारा प्रस्तावित 327 इलेक्ट्रिक बसों (297 टाइप-1 और 30 टाइप-3) के संचालन के लिए 53 स्थानों पर ई-चार्जिंग स्टेशन और अन्य अधोसंरचना के विकास की स्वीकृति राज्य सरकार ने प्रदान कर दी है। इस महत्वाकांक्षी योजना पर कार्य करने के लिए राज्य सरकार ने 20 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है, जबकि राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) से 110.95 करोड़ रुपये की ऋण सहायता प्राप्त हुई है।
चयनित 34 प्राथमिक स्थलों में शिमला लोकल वर्कशॉप, ठियोग बस स्टैंड, नूरपुर, फतेहपुर, धर्मशाला, पालमपुर, बैजनाथ, हमीरपुर वर्कशॉप, हमीरपुर बस स्टैंड, नादौन बस स्टैंड, नादौन इलेक्ट्रिक डिपो, ऊना, बंगाणा, अंब, बिलासपुर, घुमारवीं, सुंदरनगर, जोगिंद्रनगर, मंडी वर्कशॉप, अर्की, परवाणु, नालागढ़, नाहन, पांवटा साहिब, रेणुका जी, कुल्लू, मनाली, चंबा, भरमौर, डलहौजी, लाहौल-स्पीति, किन्नौर, रिकांग पिओ और केलंग शामिल हैं।
मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि इस योजना से जहां राज्य में पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा, वहीं रोजगार सृजन और अधोसंरचना विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। चार्जिंग स्टेशनों के लिए विद्युत ट्रांसफार्मर लगाने का कार्य हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड करेगा, जबकि सिविल कार्यों की जिम्मेदारी हिमाचल प्रदेश बस अड्डा प्रबंधन प्राधिकरण को सौंपी गई है।
उन्होंने कहा कि यह कार्य दो चरणों में पूरा किया जाएगा ताकि ई-बसों के पहले बेड़े के आने से पहले आवश्यक तैयारियां पूरी की जा सकें। परियोजना न केवल हिमाचल की यातायात प्रणाली को आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल बनाएगी, बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में परिवहन सेवाओं को भी और अधिक मजबूत करेगी।