हिमाचल प्रदेश को लोकसभा चुनावों में नशे के प्रयोग की रोकथाम के लिए मांग पत्र भेजा गया

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हिमाचल ज्ञान-विज्ञान और मंडी साक्षरता एवं जन विकास समिति द्वारा एसडीएम सरकाघाट के माध्यम से मुख्य निर्वाचन अधिकारी हिमाचल प्रदेश को लोकसभा चुनावों में नशे के प्रयोग की रोकथाम के लिए मांग पत्र भेजा गया। इसका नेतृत्व ज्ञान विज्ञान समिति के राज्य कमेटी सदस्य भूपेंद्र सिंह, खंड अध्यक्ष सुनीता पटियाल, सचिव रोशनी देवी, ऋत्विक ठाकुर, रीना कुमारी और दिनेश कुमार ने किया। ज्ञापन में मांग की गई कि आमतौर पर चुनावों में वोट लेने के लिए विभिन्न पार्टियां और उम्मीदवार नशे को प्रलोभन के रूप में इस्तेमाल करते हैं, जिसके कारण नशे का प्रचलन समाज में बढ़ता जा रहा है और विशेषकर युवा पीढ़ी इसकी गिरफ्त में ज्यादा आ रही है। यही नहीं पिछले कुछ सालों से जो नशा पहले शराब के रूप में होता था, वो अब सिंथेटिक नशे और चिट्टे के रूप में युवाओं को परोसा जा रहा है और ये नशा गांव-गांव में पहुंच गया है। नशे के कारण कई मौतें हो चुकी हैं और स्थिति दिन-प्रतिदिन भयावह होती जा रही है। इसके चलते चुनाव आयोग, सरकार और समाज को इसके लिए एकजुट होकर अभियान चलाना होगा। चुनाव आयोग से मांग की गई है कि इन चुनावों के दौरान नशीली व अवैध दवाओं, सिंथेटिक ड्रग्स और शराब वितरण व खपत का पता लगाने और उसे रोकने के लिए प्रवर्तन तंत्र को मजबूत किया जाए। इसके अलावा दबाव, रिश्वतखोरी और अन्य प्रकार की चुनावी धोखाधड़ी रोकने के लिए चुनाव केंद्रों पर सतर्कता और निगरानी बढ़ाई जाए। चुनावों के दौरान अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए कानूनी एजेंसियों, नागरिक सामाजिक संस्थाओं और लाभार्थियों व हितधारकों के साथ समन्वय स्थापित किया जाए। इसके अलावा चुनावी आचार संहिता की उल्लंघना और नशा परोसने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि समिति नशा मुक्त समाज बनाने और युवा पीढ़ी को इससे बचाने के लिए अभियान भी छेड़ेगी, जिसके तहत 4 मई को धर्मपुर और गोपालपुर खंडों का क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा और उसके बाद इसकी रोकथाम के लिए गांव-गांव तथा शिक्षण संस्थानों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा और सर्वेक्षण भी किया जाएगा।