हिमाचल गौरव सम्मान से सम्मानित होंगे प्रोफेसर केशव शर्मा

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हिमाचल गौरव सम्मान से सम्मानित होंगे प्रोफेसर केशव शर्मा। 15 अगस्त को राज्य स्तरीय समारोह में मुख्य मन्त्री सम्मानित करेंगे।

प्रो. केशव राम शर्मा संस्कृत के प्रकाण्ड विद्वान, रार्शनिक, साहित्यकार पौराणिक एवं रीत के महाकवि है। इनकी विद्वता तथा जीवन भर संस्कृत सेवा के लिए इन्हें भारत के महामहिम राष्ट्रपति राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा ‘महामहिम की प्रतिष्ठित उपाधि से विभूषित किया गया है। ये काशी विद्वत्परिषद् द्वारा अभिनय कालियर की गौरवपूर्ण उपाधि 1 से अलङ्कृत हैं। कुल मिलाकर राष्ट्रीय प्रान्तीय तथा अनेक विख्यात संस्थाओं द्वारा इन्हें 25 से अधिक पुरस्कार प्राप्त है। प्राध्यापक के रूप में इन्होंने शास्त्रीय परम्परा की प्रकाण्ड अनेक स्नातकोत्तर महाविद्यालयों से तथा आचार्यों को ज्ञानसमृद्ध बनाकर विद्वता द्वारा हिमाचल प्रदेश के हजारों स्नातक, सैकड़ों शास्त्रियों राष्ट्र को समर्पित किया है। साहित्यकार के रूप में इन्होंने संस्कृत में अनेक महाकाव्यों, खण्ड काव्यों, काव्य संग्रहों, शास्त्रीय शो पत्रों, सैकड़ों लेखों, दर्शन पर अनुसंधान ग्रंथ आदि द्वारा संस्कृत-हिन्दी साहित्य को समृद्ध किया है। उनके 11 ग्रंथ प्रकाशित एवं 15 ग्रंथ प्रकाशन की प्रतीक्षा में हैं। विद्वत्सम्मेलनों में महाकवि एवं वक्ता के रूप में सैकड़ों बार हिमाचल, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखण्ड आदि की राष्ट्रिय एवं प्रान्तीय संस्कृत अकादमियों, साहित्य अकादमी, राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान आदियों में अयक्षता, व्यारण्यान, शोधपत्र, काव्यपाठ (विद्वानों की पद्यरचना प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्ति) आदि मेंयोगदान देकर विद्वत्ता की ध्वजा फैला कर प्रदेश को गौरवान्वित किया। आकाशवाणी व्याख्याता के रूप में तीस वर्षों की लम्बी अवधि तक अ.भा. आकाशवाणी में विभिन्न शास्त्रीय, सामाजिक विषयों पर सर्वोपयोगी व्याख्यान तथा हृदयावर्जक काव्य पाठ आदि प्रस्तुत किएविश्वविद्यालयों में अतिथि-व्याख्याता के रूप में शिमला तथा दिल्ली संस्कृत विश्वविद्यालयों में प्राध्यापकों एवं शोधकर्ताओं को विस्तृत शास्त्र व्याख्यान दिए।शोध मार्गदर्शक तथा उपजीव्य इनके साहित्य पर अनेक विश्वविद्यालयों में पी. एच. डी उपाधि के लिए जारी शोध में ये मार्गदर्शन भी कर रहे हैं। पुराण वक्ता के रूप में हि.प्र., हरियाणा, राजस्थान, चाण्डीगढ आदि में 400 से अधिक बार पुराणों केप्रवचनों द्वारा समाज में आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, चारित्रिक एवं मानवता की चेतना जागृत कर क्रान्ति पैदा की।जीवन पर काव्यरचना इनके जीवन चरित्र पर विख्यात विद्वान् डा. मनोहर लाल आर्य द्वारा ‘श्री केशवाचार्य-चरितम्’ नामक काव्य रच कर इनके विस्तृत योगदान का प्रतिपादन किया है।