हिमाचल के हर मेडिकल ब्लॉक में बनेंगी पब्लिक हेल्थ लैब, बीमारी फैलने पर तुरंत मिलेगा अलर्ट

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हिमाचल प्रदेश की जनता की सेहत का ध्यान रखते हुए प्रदेशभर के सभी चिकित्सा खंडों में अब कीटाणुओं (जर्म्स) और जीवाणुओं (बैक्टीरिया) की जांच के लिए अलग से टेस्टिंग लैब तैयार की जाएगी। केंद्र और प्रदेश सरकार के सहयोग से सभी खंडों में पब्लिक हेल्थ लैब बनेंगी। इसमें आधुनिक मशीनों के साथ-साथ पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट भी होंगे, जो रोगों के फैलने पर तुरंत अलर्ट करेंगे। खास बात यह है कि अलग से तैयार की जा रही टेस्टिंग लैब में मौसमी रोगों की निगरानी की जाएगी।बीमारियों की मॉनीटरिंग के दौरान यह पता लगाया जाएगा कि क्या कोई वायरस और बैक्टीरिया तेजी से तो नहीं फैल रहा है। यदि वायरस या बैक्टीरिया फैल रहा होगा तो इसकी तुरंत रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजी जाएगी। इससे बीमारियों पर तुरंत रोकथाम हो सकेगी। अभी तक इस प्रकार की लैब जिले स्तर पर तैयार की जा रही है। लेकिन अब इस लैब को खंड स्तर पर तैयार किया जाएगा। पब्लिक हेल्थ लैब राष्ट्रीय रोग नियंत्रण के तहत कार्य करेंगी।

अस्पतालों में वर्तमान में स्थापित लैब भी पब्लिक हेल्थ लैब के समकक्ष कार्य करती रहेगी। सरकार की ओर से पब्लिक हेल्थ लैब निर्माण के लिए पहले चरण में 50 लाख रुपये की राशि खर्च की जाएगी। जबकि सुविधाओं को देखते हुए राशि विभिन्न स्तरों पर जारी होगी। ये लैब भी 24 घंटे लोगों को सुविधाएं प्रदान करेगी और रिपोर्ट भी कुछ घंटे में मिल जाएगी। कई बार ऐसा होता है कि कई बीमारियां फैलने के बाद उनका पता लगाने में दिक्कत आती है। क्योंकि वर्तमान में स्थापित लैब में रुटी के टेस्ट होते हैं। ऐसे में कोई नई बीमारी आ जाए तो सैंपल दूसरी लैब में भेजने पड़ते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

90 तरह के टेस्ट होंगे
डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, चिकनगुनिया, स्क्रबटाइफस, इंसेफ्लाइटिस, डायरिया, टीबी समेत संचारी रोगों से जुड़ी 90 तरह के टेस्ट होंगे। इसकी मॉनीटरिंग की जाएगी। हालांकि वर्तमान में अस्पतालों में स्थापित सरकारी और क्रस्ना लैब में सभी प्रकार के टेस्ट हो रहे हैं। लेकिन जब बीमारी तेजी से फैलती है तो अन्य टेस्ट पर प्रभाव पड़ता है। दिक्कत न आए, इसके लिए अलग से लैब स्थापित की जा रही है।

प्रदेशभर में पब्लिक हेल्थ लैब स्थापित हो रही हैं। इस लैब में कई प्रकार के टेस्ट की सुविधा लोगों को प्रदान होगी। साथ ही तेजी से फैलने वाले रोगों की मॉनीटरिंग करना भी आसान होगा। बीमारियों को फैलने से रोकने पर भी प्रभावी कदम तेजी से उठाए जा सकेंगे