हिमाचल किसान सभा का 16वां राज्य सम्मेलन सोलन में शुरू हुआ जिसमें अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव श्री हन्नान मोल्ला तथा राष्ट्रीय सह सचिव डॉ विज्जू कृष्णनन सहित 9 जिलों से लगभग 200 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए महासचिव हन्नान मोल्ला ने केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों को कॉरपोरेट के पक्ष में तथा किसानों के खिलाफ लागू करने का आरोप लगाया। हन्नान मोल्ला ने कहा कि वर्तमान में केंद्र सरकार ने कृषि में लागत को लगातार बढ़ाने का काम किया है जिससे किसानों की आमदनी दुगनी होने के बजाय घट गई है। उन्होंने कहा कि सरकार कृषि में सरकारी निवेश को लगातार कम कर रही है जिस कारण धीरे धीरे कृषि घाटे का व्यवसाय बन रहा है।
देशव्यापी किसान आंदोलन का ज़िक्र करते हुए हन्नान मोल्ला ने कहा कि किसानों ने ऐतिहासिक आंदोलन के जरिए 500 से ज्यादा संगठनों को एक कड़ी में पिरोकर व्यापक एकता बनाते हुए 380 दिनों तक जबरदस्त संघर्ष किया । जिसका परिणाम यह निकला कि केंद्र की तानाशाही रवैया अपनाने वाली मोदी सरकार को तीनों कृषि कानूनों को जिस चुप्पी से बनाये थे उसी चुप्पी से वापस लेने पर मजबूर होना पड़ा। राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि किसानों को लाभ देने वाली न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग के लिए आंदोलन जारी है। 31 जुलाई को पूरे देश मे व्यापक प्रदर्शन होंगे। क्योंकि केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन को दिल्ली से उठाने के समय छः शर्तों पर अपनी सहमति दी थी लेकिन अब वादाखिलाफी कर रही है। दो दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए महासचिव ने किसान प्रतिनिधियों को संघर्ष की राह पर चलते हुए किसानों को अपने अनुभवों तथा एकता से सीखने के गुर समझाए। किसान सभा का यही दृष्टिकोण है जिसमें किसान बिना किसी के झांसे में आये अपनी एकता व संगठन को मजबूत बनाने की जरूरत पर बल दिया।
सम्मेलन में राज्य महासचिव डॉ ओंकार शाद ने पिछले पांच वर्षों के दौरान किये कार्यों पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिस पर सभी जिला कमेटियों द्वारा चर्चा करके इसे ओर सुदृढ बनाया गया। इसके साथ प्रदेश में सरकार की बागवानी, किसानी, पशुपालन, सब्जियों के क्षेत्र में किसान विरोधी नीतियों पर भी चर्चा की। डॉ शाद ने कहा कि प्रदेश की आर्थिकी में महत्त्वपूर्ण स्थान रखने वाली सेब की खेती में कार्टन, ट्रे तथा खाद, कीटनाशकों की कीमतों में वृद्धि करके लागत कीमत बढ़ा दी है। किसान सभा ने इस वर्ष पहल करके सेब, दूध तथा टमाटर व अन्य सब्जियों के मुद्दों पर अलग से संगठन बनाने का प्रयास किया है। अन्य बिरादराना संगठनों जिसमे अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति, नोजवान सभा, सी आई टी यू, एस.एफ.आई., जन विज्ञान आंदोलन, दलित शोषण मुक्ति मंच, हिमाचल अधिवक्ता एसोसिएशन, आदि संगठनों ने सम्मेलन की सफलता के लिए शुभकामना सन्देश दिए।