हर भारतीय को एआई साक्षरता से सशक्त बनाना: विकसित भारत 2047 की दिशा में: अनुराग सिंह ठाकुर

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नई दिल्ली, भारत, 11 नवंबर 2025: पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म, दिल्ली विश्वविद्यालय में “एआई फॉर एवरीवन: टूल्स, स्किल्स एंड एथिक्स” नाम से दो दिवसीय शैक्षिक कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस महत्वपूर्ण आयोजन ने पत्रकारिता और मीडिया शिक्षा के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को एकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे प्रतिभागियों को तेजी से विकसित हो रहे डिजिटल परिदृश्य में पनपने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस किया जा सके।

मुख्य अतिथि श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में भारत की एआई क्षेत्र में एक वैश्विक शक्ति बनने और एक सच्ची सॉफ्ट पावर बनने की यात्रा के बारे में बात की। उन्होंने एक ऐसे भविष्य की कल्पना की जहां हर भारतीय एआई साक्षर हो, जो “विकसित भारत 2047” के देश के दृष्टिकोण के अनुरूप हो। श्री ठाकुर ने जोर देकर कहा कि एआई इस लक्ष्य को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण प्रेरक शक्ति होगी, जो उद्योगों को बदल देगी और जीवन में सुधार करेगी।

श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी ने हाल ही में AI के बारे में जो कहा, उससे हम सभी सहमत हैं। AI न केवल हमारी राजनीति, हमारी अर्थव्यवस्था, हमारी सुरक्षा और यहाँ तक कि हमारे समाज को नया रूप दे रहा है, बल्कि AI इस सदी में मानवता की दिशा भी लिख रहा है। यह एक अभूतपूर्व तकनीकी उपलब्धि है। आप जानते ही हैं, मोदी जी ने हमेशा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर विशेष ज़ोर दिया है। वह अक्सर हमें, खासकर सांसदों को, AI का उपयोग करने, लोगों से अधिक जुड़े रहने और अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हो रहे विकास कार्यों पर कड़ी नज़र रखने के लिए कहते हैं। मैं भी एक ऐसे personalized AI पर काम कर रहा हूँ जहाँ मुझे अपने क्षेत्र और लोगों के विषय, समस्या और प्राथमिकता को बेहतर तरीके से समझने और हल करने में मदद मिले सभी जन प्रतिनिधियों को इस technology का लाभ उठाना चाहिए”

श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “भारत ने AI के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है और हमारी योजना 2030 तक भारत को AI नवाचार केंद्र बनाने की है। हम भारत को विश्व की AI कार्यबल राजधानी बनना चाहते हैं। AI के क्षेत्र में रोज़गार और नवाचार की अपार संभावनाएँ हैं। वैश्विक स्तर पर, 2030 तक AI कार्यबल की माँग 8 करोड़ से अधिक पेशेवरों तक पहुँचने का अनुमान है। हमारा लक्ष्य 2 करोड़ से अधिक छात्रों और पेशेवरों को AI के मूल सिद्धांतों में प्रशिक्षित करना है व 1 करोड़ व्यक्तियों को उन्नत AI और डेटा इंजीनियरिंग कौशल से लैस करना और भारतीय प्रतिभाओं को अंतर्राष्ट्रीय अवसरों से जोड़ने के लिए वैश्विक AI रोज़गार एक्सचेंजों की सुविधा प्रदान करना है”

दो दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य पत्रकारिता, संचार और सार्वजनिक मीडिया में एआई टूल के उपयोग पर प्रतिभागियों को व्यावहारिक अनुभव और नैतिक दृष्टिकोण प्रदान करना है। अकादमिक, उद्योग और सरकार के विशेषज्ञों को एक साथ लाकर, कार्यशाला एआई की क्षमता और चुनौतियों की व्यापक समझ को बढ़ावा देगी।