हिमाचल प्रदेश में जलवायु परिवर्तन का प्रभाव साफ नजर आ रहा है, जिसका सीधा असर न केवल कृषि और बागवानी बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों पर भी पड़ रहा है। प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए जन आंदोलन शुरू करने की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने राजनीतिक दलों को भी सलाह दी है कि वे इस महत्वपूर्ण मुद्दे को अपने चुनावी घोषणापत्र (मैनिफेस्टो) में शामिल करें।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना शिमला में आयोजित संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के सहयोग से पर्यावरण, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा आयोजित “बदलती जलवायु में राज्य मानव विकास रिपोर्ट” पर ओरिएंटेशन कार्यशाला में बोल रहे थे। उन्होंने सुझाव दिया कि बंद कमरों में कार्यशालाएं आयोजित करने के बजाय स्कूलों, कॉलेजों, रिसर्च सेंटरों और पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जाएं, ताकि जलवायु परिवर्तन से प्रभावित लोग अधिक सचेत हो सकें। मुख्य सचिव ने कहा कि दिल्ली चुनावों में प्रदूषण और यमुना नदी की गंदगी प्रमुख मुद्दे बने, ऐसे में हिमाचल प्रदेश में भी जलवायु परिवर्तन को राजनीतिक एजेंडे में शामिल करना चाहिए।