शिमला : बारिश में भी प्यासे ट्रहाई के ग्रामीण, गंदा पानी पीने को मजबूर, विभाग सो रहा कुम्भकर्णी नींद….

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बरसात के मौसम में भी पीरन पंचायत में पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है और विभाग कुंभकरण की नींद सोया हुआ है। लोग अपने स्तर पर पीने के पानी का प्रबंध करने को मजबूर हो रहे हैं। बता दें कि करीब तीन वर्ष पहले पानी की समस्या को लेकर ट्रहाई गांव के लोगों को जल शक्ति विभाग के खिलाफ नारेबाजी करने को मजबूर होना पड़ा था।  जिला भाजपा सदस्य एवं गांव के वरिष्ठ नागरिक प्रीतम सिंह ठाकुर, मनोहर सिंह ठाकुर, राजेश ठाकुर, संदीप ब्रागटा, रामसरन ठाकुर, प्रदीप ब्रागटा रोशन लाल सहित अनेक लोगों का कहना है कि बीते एक सप्ताह से जलापूर्ति न होने के कारण गांव की पांच सौ की आबादी परेशानी से जूझ रही है। प्रतिदिन एसडीओ व जेई को दूरभाष पर पानी की समस्या के बारे में अवगत करवाया जाता है। परंतु विभाग के अधिकारी लोगों की बात सुनने को राजी नहीं है। 

लोगों का आरोप है कि राजनीतिक दबाव के चलते विभाग के अधिकारी अपने फील्ड स्टाफ से काम नहीं ले पा रहे है जिसके चलते यह समस्या उत्पन्न हो रही है। उन्होने कहा कि गर्मी के मौसम में विभाग मगलेड खडड के सूखने का बहाना किया जाता है व बरसात में मटमैला पानी की बात की जाती है। प्रीतम ठाकुर का कहना है कि बरसात के मौसम में विभाग द्वारा किसी भी पेयजल योजना में ब्लीचिंग पाउडर नहीं डाला जा रहा है और न ही पेयजल स्त्रोत की सफाई की जाती है। यही नहीं मगलेड खडड उठाऊ पेयजल योजना में विभाग द्वारा कोई भी फिल्टर नहीं लगाए गए है और लोग गंदा पानी पीने को मजबूर है।

ट्रहाई गांव के लोगों ने विभाग को यह भी चेतावनी दी है कि यदि विभाग ने भज्जीनानला सिंचाई योजना को पीने के पानी में बदलने की कोशिश की गई तो लोगों को आन्दोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा। लोग अदालत का दरवाजा खटखटाने से भी गुरेज नहीं करेगें। उन्होंने मुख्यमंत्री और जल शक्ति मंत्री से आग्रह किया है कि ट्रहाई गांव की पेयजल समस्या का स्थाई समाधान किया जाए ताकि लोगों का स्वच्छ पानी उपलब्ध हो सके। अधिशासी अभियंता जेएसवी शिमला बसंत राठौर ने कहा कि अधीनस्थ अधिकारियों को इस समस्या को शीघ्र हल करने हेतू आदेश दिए गए है।