केलंग- लाहुल स्पीति में बादल फटने से समस्त जिले में जन जीवन प्रभावित हुआ है। लेकिन पटन व मयाड़ घाटी के लोगों को दिक्कत सबसे अधिक बढ़ गई है। जाहलमा में पुल बह गया है, जबकि शांशा में पुल खड़ा है पर छोर बह गए हैं, जिस कारण गाड़ियां तो दूर की बात है लोग पैदल भी आवाजाही करने की स्थिति में नहीं हैं। मंगलवार से शांशा के लोग वाले कीर्तिंग नहीं जा पाए हैं, जबकि जाहलमा गांव के लोगों के लिए पड़ोसी गांव फुडा जाना मुश्किल हो गया है। पटन घाटी में तोजिंग, शांशा व जाहलमा नालों ने कहर बरपाया है तो मयाड़ घाटी में चांगुट नाले में बादल फटने से पुल बह गया है।
पटन व मयाड़ घाटी के लोगों को अभी राहत मिलती नहीं दिख रही है। हालांकि बीआरओ सड़कों की बहाली में जुट गया है। लेकिन पुलों के बह जाने से हालात को सामान्य कर पर पाना उनके लिए भी भारी चुनौती बना हुआ है। पटन व मयाड़ घाटी में नगदी फसलें तैयार हैं। लेकिन पुलों के बह जाने से किसानों बागवानों की चिंता बढ़ गई है।
मंगलवार दोपहर तक लाहुल घाटी में हल्की बारिश के बीच जन जीवन सामान्य था। लोग अपने काम में व्यस्त थे तो राहगीर अपने गंतव्यों की ओर जा रहे थे। अधिकतर लोग त्रिलोकीनाथ गए थे। लेकिन मंगलवार शाम छः बजे सभी नालों में बाढ़ आ गई और जो जहां था वहां फंस गया। जाहलमा, फुडा, शांशा व कीर्तिंग के लोगों ने मानवता दिखाते हुए फंसे लोगों को शरण दी और भोजन की व्यवस्था भी की। ग्रामीण गोविंद, राहुल, सुदर्शन, लाल चंद व अंगरूप ने बताया गांव में फंसे लोगों के रहने व खाने की व्यवस्था ग्रामीणों द्वारा की गई है।
Post Views: 211