हिमाचल के सियासी संकट पर उच्च न्यायालय में गए मामलो पर टिकी सबकी नजर।
एक तरफ हिमाचल के बागी विधायको की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 18 मार्च तक टली।
उधर हिमाचल हाई कोर्ट में सुक्खू सरकार में तैनात 6 सीपीएस को असंवैधानिक करार देने से जुड़े मामले में आज होनी है सुनवाई।
बागी विधायकों की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 18 मार्च तक टली
सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस के छह बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई अगले सोमवार तक टल गई है। अदालत में कांग्रेस के बागी MLA की ओर से सत्यपाल जैन कोर्ट में पेश हुए।मगर, हरीश साल्वे कनेक्टिविटी इशू की वजह से नहीं जुड़ पाए । इसलिए अब यह मामला 18मार्च को फिर से लगेगा।वहीं स्पीकर हिमाचल विधानसभा की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी अदालत में पेश हुए। एडवोकेट जनरल अनूर रत्न ने बताया कि कोर्ट नेअपील कर्ता पक्ष से पूछा कि हिमाचल हाईकोर्ट क्यों नहीं गए, लेकिन साल्वे के नहीं जुड़ने की वजह से इस पर सुनवाई नहीं हो सकी।बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में आज चैतन्य शर्मा व अन्य बनाम स्पीकर हिमाचल विधानसभा केस लगा था। विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने बीते 29 फरवरी को सुजानपुर से बागी विधायक राजेंद्र राणा, धर्मशाला से सुधीरशर्मा, लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर, बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल, गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलेहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो को अयोग्य घोषित ठहराया है। इन आदेशों को SC में चुनौती दी गई है।