
हिमाचल प्रदेश में 8 दिसंबर को पूर्व ऊर्जा मंत्री हुए सुखराम चौधरी ने चुनाव में शानदार पारी के खेली है, वो जयराम सरकार के उन दो मंत्रियों में शामिल है, जो बेहतरीन जीत हासिल करने में सफल हुए है। जीत का अंतर भी मामूली नहीं है। सबसे बड़ी बात ये भी है कि दो बागी व प्रत्याशियो की फौज में बड़े अंतर से चुनाव जीता है। बागी व फौज भी खेल नहीं बिगाड़ सकी। तीन बागी उम्मीदवारों के रचे चक्रव्यूह को भेदकर सुखराम ने उनके तमाम मंसूबों पर पानी फेर दिया। पार्टी से बगावत कर तीन निर्दलीय मैदान में उतरे थे, जब चुनावी नतीजे आए तो हर कोई चौंक उठा। चौधरी ने न केवल भारी बहुमत से जीत दर्ज की, बल्कि सात प्रत्याशियों की जमानत भी जब्त करवा दी। सुखराम चौधरी ने पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र से नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस बार पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र से कुल नौ प्रत्याशी मैदान में थे। बता दे कि चौधरी की जीत का अंतर 8596 मतों का रहा। पिछले ढाई दशकों से अधिक पांवटा साहिब में भाजपा का दबदबा रहा है। अंतिम मर्तबा 1998 में कांग्रेस से सरदार रतन सिंह ने से जीत दर्ज की थी। हालांकि एक मर्तबा किरनेश जंग भी जीते लेकिन कांग्रेस की टिकट पर नहीं।
2003 में भाजपा नेता सुखराम चौधरी पहली बार विधायक बने। 2007 में भी भाजपा नेता सुखराम चौधरी ने जीत दर्ज की। हालांकि 2012 के चुनाव मेंं सुखराम को किरनेश जंग से हार का सामना करना पड़ा। जंग ने निर्दलीय चुनाव लड़कर 790 मतों से जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2017 विस चुनाव में भाजपा नेता सुखराम चौधरी ने 12619 मतों से प्रचंड जीत दर्ज की थी, बाद में वह भाजपा की सरकार में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री बने।इस बार चौधरी को कांग्रेस और निर्दलीयों के इलावा आम आदमी पार्टी ने भाजपा नेता को घेरने का जमकर प्रयास किया। टिकट का काफी विरोध हुआ। ऐसे में भाजपा के तीन बागियों ने निर्दलीय ताल ठोंकी। ऐसा पहली बार हुआ जब सबसे ज्यादा वोट बैंक वाली बाहती बिरादरी से ही तीन प्रत्याशी चुनावी मैदान में उनके खिलाफ उतरे। इस कारण वोट बैंक बिखरने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन बिरादरी के दोनों ही प्रत्याशी रोशनलाल चौधरी 1872 व सुनील कुमार 896 पर ही सिमट कर रह गए। आम आदमी पार्टी प्रत्याशी मनीष ठाकुर ने 5090 व गिरिपार क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी उतरे। मनीष तोमर ने 3417 मत प्राप्त कर कुछ हद तक सम्मानजनक मत जरूर हासिल किए। फिर भी पांवटा साहिब से कुल नौ में से सात प्रत्याशियों अश्वनी वर्मा, मनीष ठाकुर, सीमा देवी, मनीष तोमर, रोशनलाल शास्त्री, सुनील चौधरी व रामेश्वर शर्मा चुनाव में जमानत को नही बचा सके।
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