बचाव अभियान में शामिल जवानों से रूबरू हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जानें क्‍या हुई बात…

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 देवघर के त्रिकुट रोप वे हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल सेना के जवानों व अन्य लोगों से पीएम नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये खास बातचीत की. पीएम नरेंद्र मोदी ने रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी इंडियन आर्मी, भारतीय वायुसेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन व लोगों से बात करते हुए उनकी तारीफ की और उत्साहवर्धन किया. पीएम ने कहा कि आपने तीन दिनों तक 24 घंटे लगकर एक मुश्किल रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा किया और अनेक देशवासियों की आपने जान बचाई है. पूरे देश ने आपके साहस को सराहा है, मैं इसे बाबा बैद्यनाथ जी की कृपा मानता हूं। हालांकि हमें दुख है कि कुछ साथियों का जीवन हम नहीं बचा पाएं, अनेक साथी घायल भी हुए हैं.

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पीड़ित परिवारों के साथ हम सभी की पूरी संवेदना है. मैं सभी घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं. देश को गर्व है कि उसके पास हमारी थल सेना, वायु सेना, NDRF, ITBP के जवान और पुलिस बल के रूप में ऐसी कुशल फोर्स है, जो देशवासियों को हर संकट से सुरक्षित बाहर निकालने का माद्दा रखती है.

इस दुर्घटना और रेस्क्यू मिशन से मिले कई सबक 
देवघर रोप वे हादसे को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि इस दुर्घटना और रेस्क्यू मिशन से अनेक सबक हमें भी मिले हैं. आपके अनुभव भविष्य में बहुत काम आने वाले हैं. मैं आप सभी से बात करने के लिए बहुत उत्सुक हूं, क्योंकि इस ऑपरेशन से मैं लगातार जुड़ा रहा और हर स्थिति का जायजा लेता रहा था. इस दौरान पीएम मोदी ने एनडीआरएफ जवानों खास तौर पर तारीफ की. पीएम मोदी ने कहा कि एनडीआरएफ के जवानों ने अपने कार्य की वजह से देशभर में एक अलग पहचान बनाई है. पीएम मोदी ने बारी-बारी से एनडीआरएफ, एयरफोर्स, आर्मी, आईटीबीपी के जवानों व अन्य लोगों से बारी-बारी से बात की.

3 दिन चला रेस्क्यू ऑपरेशन
बता दें, त्रिकुट पर्वत पर चल रहे इस ऑपरेशन में एयरफोर्स, इंडियन आर्मी, एनडीआरएफ, आईटीबीपी समेत स्थानीय प्रशासन ने बड़ी भूमिका निभाई. त्रिकुट पर्वत पर तीन दिनों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. सभी के सार्थक प्रयास इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया और 45 लोगों की जान बचाई गयी. इस पूरे ऑपरेशन में एनडीआरएफ की टीम ने भी काफी मशक्कत की. एनडीआरएफ की टीम के डीआईजी एमके यादव ने भी इस ऑपरेशन के दौरान आई मुश्किल परिस्थियों की जानकारी देते हुए कहा कि ट्रॉलियां जिस जगह पर फंसी थीं वहां राहत टीम को पहुंचने में काफी दिक्कत हो रही थी.

आईटीबीपी के जवान लगातार रेस्क्यू किए गए लोगों के प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें अस्पताल भेजने में जुटे थे. गरुड़ कमांडो अपनी जान जोखिम में डालकर ट्रॉलियों से लोगों को निकालने के लिए 2500 फीट ऊपर हवा में लटक रहे थे.