हिमाचल में सामने आए बहुचर्चित फर्जी डिग्री घोटाले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। इसके तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) शिमला ने मानव भारती विश्वविद्यालय सोलन से जुड़े फर्जी डिग्री घोटाले मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत आरोपी अशोनी कंवर से संबंधित 5.80 करोड़ रुपए की 7 अचल संपत्तियों को अपराध की आय (पीओसी) के रूप में अस्थायी रूप से कुर्क किया है। ये 7 अचल संपत्तियां हरियाणा, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश में स्थित हैं।
ईडी ने आईपीसी 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के धर्मपुर पुलिस स्टेशन द्वारा दर्ज 3 एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। ईडी की जांच में पता चला है कि आरोपी राज कुमार राणा ने अपनी पत्नी अशोनी कंवर और बेटे मंदीप राणा सहित अन्य सह-आरोपियों की मदद से एजैंटों और छात्रों से पैसे लेकर फर्जी डिग्रियां बेचीं। ये फर्जी डिग्रियां मानव भारती विश्वविद्यालय सोलन के नाम पर बेची गईं और फर्जी डिग्रियों की इस बिक्री से उत्पन्न पीओसी की मात्रा 387 करोड़ रुपए आंकी गई है।
इस अवैध गतिविधि से प्राप्त धन का उपयोग राज कुमार राणा, अशोनी कंवर और मंदीप राणा ने अपने नाम पर और अन्य संबंधित संस्थाओं के नाम पर विभिन्न राज्यों में विभिन्न चल और अचल संपत्तियां हासिल करने के लिए किया। ईडी ने पीएमएलए, 2002 के तहत राज कुमार राणा, अशोनी कंवर, मंदीप राणा और अन्य सहित 14 व्यक्तियों और 2 संस्थाओं के खिलाफ माननीय विशेष न्यायालय (पीएमएलए), शिमला, हिमाचल प्रदेश के समक्ष अभियोजन शिकायत (पीसी) भी दायर की है। विशेष न्यायालय शिमला ने 4 जनवरी, 2023 को इस पीसी का संज्ञान लिया था।
मानव भारती विश्वविद्यालय के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद अशोनी कंवर और मंदीप राणा दोनों देश छोड़कर भाग गए थे। इससे पहले इस मामले में ईडी ने 29 जनवरी, 2021 को 194.14 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्ति भी अस्थायी रूप से कुर्क की थी। इस अस्थायी कुर्की आदेश की पुष्टि बाद में न्यायाधिकरण द्वारा की गई थी। इसलिए इस मामले में कुल कुर्की 200 करोड़ रुपए (लगभग) है। मामले में जांच जारी है।