मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रकाश चंद दरोच ने बताया कि पीलिया रोग होने का कारण हेपेटाइटिस-ए एवं हेपेटाइटिस-ई भी है जो दूषित जल एवं दूषित खाद्य पदार्थो के सेवन से फैलता है। उन्होंने बताया कि आंखों के सफेद भाग का पीला होना, बुखार आना व भूख ना लगना, जी मिचलाना और उल्टियां होना, पीला पेशाब होना, अत्याधिक कमजोरी व थकान होना, पेट के ऊपरी दाएं भाग में दर्द होना आदि पीलिया रोग के लक्षण है। उन्होंने बताया कि पीलिया के लक्षण होने पर डाॅक्टर से संपर्क करें।
उन्होंने बताया कि आने वाले बरसात मौसम को ध्यान में रखते हुए सभी लोग स्वच्छ व उबले हुए पानी तथा घर पर बने भोजन का प्रयोग करें। उन्होंने बताया कि पीने वाले पानी को 15 से 20 मिनट उबालकर प्रयोग करें। मीठे पदार्थों का सेवन करें और खाद्य पदार्थों को ढक कर रखें। खाना बनाते व परोस्ते समय हाथों को साबुन से धोएं तथा शौचालय का प्रयोग करने के बाद हाथों को कम से कम 15 से 20 सैकिड तक साबुन से साफ करे।
उन्होंने बताया कि पीलिया होने पर रोगी पूर्ण रूप से आराम करें। उन्होंने बताया कि अपने आस-पास साफ-सफाई रखें तथा कूड़ा करकट का सही तरीके से निपटान करना सुनिश्चित करें। बावडी के पानी का सेवन न करें। गले-सडे या कटे फल और सब्जियों का सेवन न करें। पानी के स्रोत दूषित न करें। खुले में शोच न करें। पीलिया होने पर चिकनाई युक्त भोजन न करें, भारी काम न करें। उन्होंने बताया कि पीलिया होने पर पीलिया झडवाने के लिए झाड-फंूक में समय न बर्बाद न करें तुरंत चिकित्सक से सम्पर्क करें।