केलांग- ज़िला लाहौल- स्पीति के उदयपुर में बाढ़ से शांशा पुल व सड़क के क्षतिग्रस्त होने से वैकल्पिक व्यवस्था कर रिकॉर्ड समय में झूला (स्पैन) लगाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। लोक निर्माण विभाग के मैकेनिकल विंग द्वारा पर्वतारोहण संस्थान के सहयोग से तैयार इस झूले के माध्यम से फंसे हुए 49 लोगों को कल रेस्क्यू किया गया है।
उपायुक्त लाहौल- स्पीति नीरज कुमार ने शुक्रवार को मौके का निरीक्षण किया और राहत कार्यों के बारे में जायजा लिया। उन्होंने बताया कि इस झूले के माध्यम से जिन लोगों को रेस्क्यू किया गया है वे अपने गंतव्य के लिए रवाना भी हो गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वाहन दुर्घटना में सिर में चोट लगने से गंभीर रूप से घायल हुए युवक को भी स्थानीय युवक मंडल, वालंटियरों और स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा नाले के ऊपर तैयार की गई अस्थाई व्यवस्था के जरिए पार पहुंचाया गया। अब इस युवक को मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए कुल्लू पहुंचा दिया गया है।
उन्होंने जानकारी देते बताया कि शेष पर्यटकों को रेस्क्यू करने के लिए हेलीकॉप्टर तैयार है। यदि आज मौसम अनुकूल रहा तो हेलीकॉप्टर की उड़ानें उदयपुर और तांदी के बीच की जाएंगी। उन्होंने यह भी बताया कि यदि रोहतांग पर धुंध और बादल की वजह से हेलीकॉप्टर लाहौल घाटी नहीं पहुंच सका तो लेह से भी हेलीकॉप्टर की उपलब्धता को लेकर व्यवस्था की जा रही है।
उन्होंने कहा कि लोगों को रेस्क्यू करने के लिए चंद्रभागा नदी के बाएं तट से होकर गुजरने वाले एक वैकल्पिक मार्ग की पहचान भी की गई है और इसके माध्यम से भी कुछ लोगों को मुख्य सड़क तक पहुंचाया गया।
उपायुक्त ने बॉर्डर रोड्स आर्गेनाइजेशन(बीआरओ) के आला अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचकर सड़क और पुलों की बहाली को लेकर तैयार की गई कार्य योजना पर विस्तार से चर्चा और समीक्षा की। बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन को यातायात की वैकल्पिक शीघ्र व्यवस्था के अलावा स्थाई व्यवस्था की दिशा में कार्य करने के लिए कहा गया है। उपायुक्त नीरज कुमार ने बताया कि दीपक प्रोजेक्ट के मुख्य अभियंता से आग्रह किया गया है कि जाहलमा में बैली पुल के निर्माण को लेकर निर्माण से जुड़ा मेटेरियल और अन्य सभी जरूरी मदद उपलब्ध की जाए। मुख्य अभियंता ने इस दिशा में हर संभव मदद करने का भरोसा दिया है।
उपायुक्त ने कहा कि शांशा में तैयार किए गए इस झूले की तरह कुछ अन्य झूलों की व्यवस्था पट्टन वैली में की जा रही है ताकि विशेष तौर से किसानों को अपने उत्पाद मण्डी को ले जाने में असुविधा का सामना ना करना पड़े। लोक निर्माण विभाग को इस दिशा में शीघ्र कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने ये भी कहा कि स्थानीय लोग, महिला मंडल और युवक मंडल के अलावा वॉलिंटियर भी प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं।