जल शक्ति विभाग के पैरा वर्कर्स यूनियन ने फिर उठाई वेतन वृद्धि व स्थाई पॉलिसी की मांग

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जल शक्ति विभाग में तैनात पैरा वर्कस ने मांगों को लेकर बजट सत्र के दौरान सरकार को घेरने की चेतावनी दी है। पैरा वर्कर्स का कहना है कि वेतन और पॉलिसी की मांग को लेकर सरकार से कई बार मिले लेकिन सरकार ने उन्हें अनसुना किया। यह बात शिमला पैरा वर्कर्स यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष महेश शर्मा ने पत्रकार वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो बजट सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव किया जाएगा।महेश शर्मा ने कहा कि जल शक्ति विभाग में लगे पैरा वर्कर्स को न के बराबर वेतन दिया जा रहा है जिससे इस महंगाई में परिवार के एक सदस्य का गुजारा तक नहीं हो पा रहा है। पैरा वर्कर्स को किसी भी प्रकार से कोई भी छुट्टी नहीं दी जाती है। छुट्टी का प्रावधान किया जाए और विभाग द्वारा उन्हें 6 घंटे के लिए रखा था लेकिन उनसे 8 से 10 घंटे ड्यूटी ली जा रही है, जिसे 8 घंटे किया जाए।

उन्होंने बताया कि 2017 से पैरा वर्कर्स की नियुक्ति शुरू की गई थी। तीन श्रेणियों में 7 से 8 हजार पैरा वर्कर्स रखे गए है जिन्हें महज पांच हजार सैलरी दी जा रही है। बावजूद इसके हमे दूरदराज क्षेत्रों में दराज क्षेत्रों में भेजा जा रहा है, जहां इतनी कम सैलरी में गुजारा कर पाना मुश्किल हैं।

उन्होंने कहा कि सोलन और सिरमौर सहित कुछ अन्य जिलों में पैरा वर्कर्स को पिछले तीन से चार महीने की सैलरी नहीं मिली है। उन्होंने मांग की है कि सरकार वेतन को कम से कम 9 से 10 हजार तक बढ़ाए और एक स्थायी पॉलिसी बनाई जाए ताकि भविष्य सुरक्षित हो सके।