जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया है. अनंतनाग के हलकान गली इलाके में अभी भी मुठभेड़ चल रही है. इलाके को पूरी तरह सील कर दिया गया है. अनंतनाग के अलावा श्रीनगर और बडगाम में भी एनकाउंटर जारी है. जम्मू-कश्मीर में आतंकियों का सफाया करने के लिए लगातार ऑपरेशन चलाया जा रहा है. आतंकी आए दिन यहां घुसपैठ की कोशिश करते हैं और आतंकी वारदात को अंजाम देने की जुगत में रहते हैं. इससे निपटने के लिए सुरक्षाबल हमेशा मुस्तैद रहते हैं.
श्रीनगर के खानयार में मुठभेड़
श्रीनगर के खानयार में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है. सूत्रों के मुताबिक खानयार इलाके में दो से तीन आतंकियों के छिपे होने की आशंका है. खुफिया इनपुट के आधार पर सुरक्षाबलों में सर्च ऑपरेशन शुरू किया है. अधिकारी ने बताया कि जैसे ही ज्वाइंट टीम संदिग्ध क्षेत्र की तरफ पहुंची तो छिपे हुए आतंकियों ने संयुक्त दल पर गोलीबारी शुरू कर दी, इसके बाद सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की. इस तरह मुठभेड़ शुरू हो गई. इलाके में गोलीबारी अभी भी जारी है.
बडगाम के मागाम में मुठभेड़
श्रीनगर के अलावा जम्मू कश्मीर के बडगाम में भी मुठभेड़ जारी है. बडगाम के मागाम के मजहामा इलाके में आतंकियों ने शुक्रवार को दो मजदूरों को गोली मार दी थी. गोलीबारी में दोनों बाहरी मजदूर घायल हो गए थे. ये मजदूर जल जीवन परियोजना में श्रमिक के रूप में काम कर रहे थे. तभी इन पर फायरिंग कर दी गई. गोलीबारी की इस घटना में दोनों मजदूर घायल हो गए. दोनों को फौरन अस्पताल ले जाया गया. मजदूरों की पहचान उस्मान और संजय के रूप में हुई है. ये उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं.
16 दिन में बड़े आतंकी हमले
1 नवंबर को बडगाम में 2 गैर कश्मीरियों को गोली मार दी गई थी.
28 अक्टूबर को अखनूर में सेना की एंबुलेंस पर हमला किया गया था.
25 अक्टूबर को सेना के काफिले पर अटैक किया गया था.
24 अक्टूबर को बारामूला सेना की गाड़ी पर हमला किया गया था.
20 अक्टूबर को गांदरबल टनल प्रोजेक्ट पर काम रहे लोगों पर हमला किया गया था. इस हमले 7 लोगों की मौत हो गई थी.
16 अक्टूबर को शोपियां में गैर स्थानीय युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
आतंकियों को मारना नहीं चाहिए, पकड़कर पूछताछ हो- फारूक
वहीं, बडगाम में मजदूरों पर हुए आतंकी हमले पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए. कैसे यहां सरकार बन गई है और ये हो रहा है. मुझे तो शक है कि यह वो लोग तो नहीं कर रहे हैं जो इस सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं? ये पहले क्यों नहीं हो रहा था?. यह सब एक संकट पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो एसा कर रहे हैं उनको मारना नहीं चाहिए उनको पकड़ना चाहिए ताकि पता चले वे कौन हैं? उनको पकड़ कर पूछना चाहिए की किसके कहने पर वो ऐसा कर रहे हैं. इतने सालों से क्यों नहीं किया? ऐसा वो क्यों कर रहे हैं, मुझे इस पर तशवीश है?