अभय मुद्रा को, अभयदान देते हिंदुत्व को सावधान रहना होगा। भाजपा।

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सोलन: भाजपा, प्रदेश प्रवक्ता विवेक शर्मा ने लोकसभा चर्चा के बयान पर प्रहार करते हुए। कहा परिवर्तित भ्रमित हिंदू, की पुत्री की मुस्लिम से शादी के पश्चात उत्पन्न संतान का विदेशी महिला से विवाह.व तत्पश्चात उस से पैदा हुई संतान का सनातन और हिंदुओं को
हिंसक बताना कितना तर्कसंगत है यह विचारणीय विषय है।
भारतीय राजनीति में सर्वोत्तम पदों पर बैठे हुए राजनीतिक दलों के सभी राजनीतिज्ञों को इस पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। विशेष कर उन सभी दलों को जो इस समय देश की संसद में विपक्ष में है।
क्या हिंदू सच में हिंसक हैं?
क्योंकि इस अहिंसा के नाम पर हम एक विभाजन देख चुके। उसमें हिंदू बहन बेटियों की इज्जत लूटते देख चुके हम कटी हुई लाशों से भरी रेल गाड़ियां देख चुके। हिंदुत्व के नाम पर अनेक बार अनेक वीरों को अपमानित होते देख चुके हैं।
इतिहास को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत करने वालों को हम लेखन पुरस्कार लेते देख चुके हैं और अब तो हद ही हो गई देश के नेता प्रतिपक्ष एक पूरी सभ्यता को हिंसक बता रहे हैं।
यह वास्तविकता में देश के हिंदुओं के मुंह पर वह तमाचा है जो अपने किसी भी कार्यक्रम के संपन्न होने के पश्चात प्रार्थना के अंत में बोलते हैं।
धर्म की जय हो।
अधर्म का नाश।।
प्राणियों में सद्भावना हो।
विश्व का कल्याण हो।।
मैं प्रदेश और देश की प्रबुद्ध जनता को निवेदन करता हूं इस बयान को साधारणता से ना लें। इसके पीछे की मानसिकता और मनोवृति के गंभीर मायने हैं। यह केवल भारतीय जनता पार्टी या उसकी मूल विचारधारा पर प्रहार नहीं है यह राष्ट्र की मूल संस्कृति सभ्यता पर प्रहार है। यह बयान भारत की सर्वोत्तम निर्णायक संस्था लोकसभा में दिया गया बयान है ,कपिल शर्मा कॉमेडी शो का नहीं।
मेरा निवेदन है प्रत्येक हिंदू इस पर विचार करें और निर्णय करें देश की दशा, दिशा व रुख किस और ले जाने का प्रयास हो रहा है।
अभय मुद्रा की बात करने वाले यह समझ लें कि अभी तक भारतवर्ष के लोग कांग्रेस कोअभयदान देते रहे थे लेकिन अब राष्ट्रभक्तों को विचार करने की आवश्यकता है अभयदान के भीतर पनप रहे नरभक्षी मानसिकता, हिंदुत्व के बारे में क्या सोचती हैं। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी राजनीतिक दल, भारतीय जनता पार्टी या देश के प्रधानमंत्री को गाली देते देते है। अगर एक धर्म विशेष वर्ग को खुश करने के लिए हिंदुत्व को गाली देने पर आ गई है तो अंजाम के लिए उन्हें तैयार भी रहना होगा।
इस धरती ने अगर श्री राम को जन्म दिया है तो परशुराम को भी दिया है।
इस धरती ने अगर महात्मा गांधी को जन्म दिया है तो वीर सावरकर को भी दिया है।
और यह किसी विदेशी माता की कोख से उत्पन्न व्यक्तित्व नहीं थे।