हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) मिलनी शुरू हो गई है। इसकी शुरुआत कांगड़ा के सरदारी लाल और मंडी के चिंतराम शास्त्री से हुई है। इन्हें 2003 से पहले वाली पुरानी पेंशन मिल गई है। दरअसल, सरदारी लाल और चिंतराम शास्त्री कुछ साल पहले शिक्षा विभाग से रिटायर हुए। इसलिए उन्होंने NPS के तहत केंद्र के पास जमा स्टेट गवर्नमेंट स्टेट शेयर को ब्याज सहित वापस लौटाया और ट्रेजरी में जमा कराया। इसके बाद इन्हें ओल्ड पेंशन मिलनी शुरू हुई।
हिमाचल में NPS लागू होने के बाद से 4 हजार से भी ज्यादा कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं या जिनकी मृत्यु हो गई है। उन्हें भी OPS मिलेगी। बशर्ते इसके लिए रिटायर कर्मचारियों को केंद्र के पास जमा स्टेट शेयर खुद वापस लेना होगा और उसे ट्रेजरी में जमा करना होगा। प्रत्येक कर्मचारी की सैलरी से 10% शेयर कर्मचारियों का NPS में कटता है, जबकि 14% शेयर राज्य सरकार देती है। राज्य सरकार द्वारा किए गए सेंट्रल सिविल सर्विस पेंशन रूल्स 1972 में संशोधन के मुताबिक, 14% शेयर और इसका ब्याज राज्य सरकार को लौटाने पर ही OPS मिलेगी। हिमाचल सरकार ने मई महीने से NPS के तहत केंद्र को अपना और कर्मचारियों का शेयर देना बंद कर दिया है। अब 2002 के बाद भर्ती कर्मचारियों के AG ऑफिस में अकाउंट खोले जा रहे हैं, ताकि इन्हें OPS दी जा सके।
हिमाचल में OPS बहाल होने से 1.36 लाख के करीब कर्मचारी लाभान्वित होंगे और भविष्य में भर्ती होने वाले कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिल सकेगा। राज्य में पुरानी पेंशन 20 साल बाद बहाल की गई है। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में OPS बहाली का कर्मचारियों से वादा किया था। इसे बहाल करने की मंजूरी 14 जनवरी की पहली ही कैबिनेट में दी गई थी, लेकिन इसकी SOP तैयार करने में 3-4 महीने का वक्त लग गया। अब राज्य में OPS लागू कर दी गई है। कर्मचारियों के लिए NPS और OPS दोनों विकल्प रखे गए हैं। OPS बहाल करने पर कर्मचारी धर्मशाला में विशाल आभार रैली भी कर चुके हैं। NPS संघ के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने OPS लागू करने के लिए सुक्खू सरकार का आभार जताया है। उन्होंने बताया कि 2 कर्मचारियों को OPS मिलनी शुरू हो गई है। प्रदीप ठाकुर ने बताया कि हिमाचल सहित देश के अन्य राज्यों के NPS कर्मचारी अब एक अक्टूबर को दिल्ली में विशाल धरने की तैयारी कर रहे हैं। दरअसल 2003 के बाद भर्ती कर्मचारियों का केंद्र के पास NPS में पैसा जमा है। इस पैसे को वापस लेने के लिए कर्मचारी दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे।