हिमाचल के स्वास्थ्य मंत्री डॉ.कर्नल धनीराम शांडिल धनीराम शांडिल ने कहा कि एचपीएमवी ‘वायरस ऑफ कंसर्न’ नहीं है। इसे एक सामान्य वायरस की तरह ही देखा जाना चाहिए। इससे आसानी से बचाव किया जा सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय समेत प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग HPMV पर लगातार नजर बनाए हुए है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हिमाचल मे अभी तक आधिकारिक तौर पर इस वायरस से जुडा कोई मामला रिपोर्ट नहीं हुआ है। उन्होंने कहा की यह कोरोना जैसा वायरस नहीं है। इसलिए लोगो को घबराने की आवश्यकता नहीं है । उन्होंने कहा बावजूद इसके प्रदेश सरकार एचपीएमवी के किसी भी संभावित उछाल से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। राज्य में पर्याप्त स्वास्थ्य अधोसंरचना, ऑक्सीजन, सिलेंडर, और बिस्तरों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों और प्रोटोकॉल का पालन कर रहा है।
इस वायरस के आम लक्षण मे खांसी, बुखार और नाक का बंद होना है।
यह संक्रमण खांसने, छींकने, छूने या हाथ मिलाने से फैलता है।
स्वाथ्य विभाग ने अपनी एडवाइजरी मे सलाह दी है। अगर किसी को भी खांसी या बुखार के लक्षण नजर आए, तो वह तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जा कर जांच और ईलाज करा सकता है । वायरस की चपेट मे आने वाले व्यक्ति को किसी के साथ संपर्क में आने से बचना चाहिए। इस दौरान मास्क लगाने के साथ समय-समय पर हाथों को साबुन से धोने, खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढकने की भक सलाह दी गयी है। स्वास्थ्य विभाग ने ये भी कहा है की बीमार होने की स्थिति में घर पर आराम करने जैसे उपायों को अपनाकर संक्रमण से बचा जा सकता है।