हिमाचल के ऊंचाई वाले इलाकों में सेब की बागवानों को काफी नुकसान हुआ है. वहीं, मैदानी इलाकों में गेहूं की फसल काली पड़ गई है. इसके अलावा निचले इलाकों में आम की फसल को भी नुकसान हो रहा है. हिमाचल प्रदेश में हो रही बेमौसम बारिश की वजह से किसान-बागवान परेशान हैं. बारिश और ओलावृष्टि की वजह से फसलों को खासा नुकसान हो रहा है. हिमाचल प्रदेश सरकार में मुख्य संसदीय सचिव किशोरी लाल (Pandit Kishori Lal) ने कहा है कि वे मौसम हो रही बारिश के चलते किसान-बागवानों के नुकसान की भरपाई सरकार करेंगे. उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) से आह्वान करेंगे कि किसान-बागवानों को हो रहे नुकसान की भरपाई की जा सके.
उन्होंने कहा कि देश के साथ प्रदेश में भी कुदरत का कहर बरप रहा है. ऊंचाई वाले इलाकों में सेब की बागवानों को काफी नुकसान हुआ है. वहीं, मैदानी इलाकों में गेहूं की फसल काली पड़ गई है. इसके अलावा निचले इलाकों में आम की फसल को भी नुकसान हो रहा है. किसान-बागवान साल भर अपनी फसल पर मेहनत करते हैं, लेकिन बेमौसम हो रही ओलावृष्टि और बारिश ने किसानों की परेशानी को बढ़ा दिया है. ऐसे में सरकार अगर किसान-बागवानों को मुआवजा देती है, तो इससे इन्हें खासी राहत मिलेगी. मुख्य संसदीय सचिव किशोरी लाल ने कहा है कि उन्होंने कांगड़ा के जिला उपायुक्त को भी फील्ड पर जाकर नुकसान का जायजा लेने के निर्देश दिए हैं.
हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में 30 अप्रैल से ही मौसम लगातार खराब बना हुआ है. जहां एक ओर ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो रही है. वहीं, मध्यम ऊंचाई और मैदानी इलाकों में बारिश का दौर जारी है. इसके अलावा ओलावृष्टि की वजह से भी फसलों को खासा नुकसान हो रहा है. लगातार हो रही बारिश की वजह से तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है. मई महीने में भी दिसंबर की ठंड का अनुभव हो रहा है. जनवरी-फरवरी में हिमाचल प्रदेश के सभी इलाकों में औसत से कम बर्फबारी और बारिश हुई. अब गर्मियों से पहले एक बार फिर बरसात का मौसम लौट आया है.