BRO के अधीन होगी चीन से सटी कड़छम-सांगला-छितकुल सड़क

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जनजातीय जिला किन्नौर की चीन सीमा से सटी सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कड़छम-सांगला-छितकुल सड़क का निर्माण अब बीआरओ (बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन) करेगा। पहले कड़छम-सांगला-छितकुल सड़क की देखरेख लोक निर्माण विभाग द्वारा की जाती थी। अब केंद्र सरकार ने बीआरओ को इसका जिम्मा सौंपा है। सड़क का कार्य जल्द शुरू हो, इसे लेकर लोक निर्माण विभाग और सीमा संगठन के बीच औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी हैं। सामरिक दृष्टि से यह सड़क बहुत महत्वपूर्ण है।

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कड़छम-सांगला-छितकुल सड़क की हालत बीते कई सालों से खराब बनी हुई है। बीते कई सालों से सांगला वैली की 11 पंचायतों के हजारों ग्रामीणों सहित सेना और आईटीबीपी के जवानों के अलावा हर साल सांगला वैली घूमने आने वाले देश-विदेश के हजारों पर्यटकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। सीमा तक सेना के जवान इसी मार्ग से होकर जाते हैं। अब सड़क को चौड़ा करने के साथ ही मैटलिंग और टारिंग की जानी है। कड़छम से छितकुल की दूरी 42 किलोमीटर है।

इससे 20 किलोमीटर आगे चीन सीमा से सटी आईटीबीपी की दुमती पोस्ट है। सड़क की चौड़ाई सात मीटर की जानी है। तीखे मोड़ों को भी दुरुस्त किया जाना है। इससे आईटीबीपी और सेना के जवान भी सीमा तक जल्द पहुंच सकेंगे। वहीं क्षेत्र की 11 पंचायतों के लोगों को भी इसका फायदा होगा। दुमती से आईटीबीपी की इस पोस्ट से चीन सीमा सामने नजर आती है। दुमती पोस्ट के आसपास आबादी नहीं है। कड़छम-सांगला-छितकुल सड़क अब बीआरओ के जिम्मे हो गई है। निरीक्षण के बाद एक हफ्ते में यह सड़क बीआरओ के अधीन हो जाएगी। करीब 42 किलोमीटर लंबी सड़क को अब बीआरओ दुरुस्त करेगा।

लोक निर्माण विभाग भावानगर के एक्सयिन आनंद शर्मा ने बताया कि जल्द ही कड़छम-सांगला-छितकुल सड़क को बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) के अधीन कर दिया जाएगा। इन दिनों बीआरओ और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी सड़क का संयुक्त निरीक्षण कर रहे हैं और एक सप्ताह के भीतर इस सड़क को बी.आर.ओ. अपने अधीन ले लेगा।