आम तौर पर सड़क व रास्ते के किनारे पड़ी लकड़ी को बेकार समझकर या तो ईंधन के लिए इस्तेमाल किया जाता है या फिर वहां से उठाकर कही और फेंक दिया जाता है। लेकिन, ओच्छघाट पंचायत के गधोग गांव के राकेश ने ग्रामीणों के साथ मिलकर इसे आय का साधन बना दिया…..
आम तौर पर सड़क व रास्ते के किनारे पड़ी लकड़ी को बेकार समझकर या तो ईंधन के लिए इस्तेमाल किया जाता है या फिर वहां से उठाकर कही और फेंक दिया जाता है। लेकिन, ओच्छघाट पंचायत के गधोग गांव के राकेश ने ग्रामीणों के साथ मिलकर इसे आय का साधन बना दिया…..
आम तौर पर सड़क व रास्ते के किनारे पड़ी लकड़ी को बेकार समझकर या तो ईंधन के लिए इस्तेमाल किया जाता है या फिर वहां से उठाकर कही और फेंक दिया जाता है। लेकिन, ओच्छघाट पंचायत के गधोग गांव के राकेश ने ग्रामीणों के साथ मिलकर इसे आय का साधन बना दिया।
ओच्छघाट पंचायत के गधोग गांव के राकेश ने ग्रामीणों के साथ मिलकर लकड़ी के कई उत्पाद तैयार किए हैं। इसमें मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना उनकी मददगार बनी है। राजेश और ग्रामीणों ने खराब लकड़ी से अपनी कारीगिरी के इस्तेमाल से ऐसे उत्पाद तैयार किए हैं, जिनकी कोई कल्पना भी नही कर सकता था।
राजेश पहले अपने शौक के लिए लकड़ियों पर दस्तकारी करता था। उनकी म्यूजियम बनाने की योजना थी। इससे कोई आमदनी भी नही होती थी,, लेकिन खंड विकास अधिकारी सोलन रमेश शर्मा व एसईबीपीओ सुनिला शर्मा ने उन्हें मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। इसका उन्हें लाभ भी मिला।