शिमला- Shimla Cloudburst, हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का कहर जारी है। जिला शिमला की चिड़गांव तहसील के गुम्मा गांव में बुधवार सुबह बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। गांव के लिए बना पुल बाढ़ की चपेट में आकर बह गया है। बादल फटने के बाद खड्ड में आई बाढ़ में चार वाहन भी बह गए और डेढ़ दर्जन से ज्यादा वाहन गांव में ही फंस गए हैं। गुम्मा गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने वाला पुल भी पूरी तरह से भरभरा गया है। इस कारण गांव में बसे 60 परिवारों के लोग पूरी तरह से क्षेत्र से कट गए हैं। जिला प्रशासन की ओर से भेजी गई टीम ने कई वाहनों को निकाल लिया है। वहीं पुल के लिए विकल्प तलाशा जा रहा है, इसके बाद ही गांव में फंसे लोगों तक सहायता पहुंचाई जा सकती है।
इसके अलावा शिमला शहर में भी बारिश से नुकसान हुआ है। बुधवार सुबह पंथाघाटी में भूस्खलन से एक वाहन दब गया और एक बहुमंजिला भवन को खतरा पैदा हो गया है। रेनबो नाम का भवन चार मंजिला है। इसके नीचे हुए भूस्खलन से भवन को खतरा पैदा हो गया है। प्रशासन ने भवन को बचाने के लिए तिरपाल लगाने के अलावा अन्य इंतजाम कर दिए हैं। चंदौली के नोट चौक में भी एक बहुमंजिला भवन को खतरा पैदा हो गया है। प्रशासन ने नुकसान का जायजा लेने के लिए निगम के वास्तुकार सहित कनिष्ठ अभियंताओं की टीम को मौके पर भेज दिया है और इस भवन को कैसे बचा जा सकता है इस पर भी काम किया जा रहा है।
इसी तरह से शहर में एक दर्जन से ज्यादा पेड़ गिर गए हैं। मुख्यमंत्री आवास से लेकर एडवांस स्टडी सहित कई जगह पर पेड़ गिरे हैं।हालांकि अधिकतर पेड़ जंगल या रास्ते में गिरे हैं, इससे किसी भवन या जानमाल का कोई ज्यादा नुकसान होने की सूचना नहीं है।
शहर की अधिकतर सड़कें दिन में कई बार भूस्खलन होने से बाधित होती रहीं। कई स्थानों पर तो वाहनों की आवाजाही को भी वनवे करना पड़ा।
उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने कहा नुकसान की सूचना मिलते ही टीमें मौके पर रवाना कर दी गईं। लोगों को भी हिदायत दी है कि संवेदनशील स्थानों से दूरी बनाए रखें।
नगर निगम के डिप्टी मेयर शैलेंद्र चौहान का कहना है कि शहर में तीन भवनाें को खतरा पैदा हो गया है। पेड़ भी गिरे हैं। अधिकारी सूचना मिलते ही लोगों को राहत पहुंचाने के लिए पहुंच रहे हैं।