26 किमी का सफर तय करने के लिए एचआरटीसी की खटारा बस के ड्राइवर और कंडक्टर को तीन बार इंजन पर पानी की बौछारें डालकर उसे ठंडा करना पड़ा। तब जाकर कहीं यह खटारा बस सर्विस स्टेशन तक पहुंच पाई।
दरअसल मंडी से पठानकोट के लिए रवाना हुई एचआरटीसी के जोगिंद्रनगर डिपो की खटारा बस (एचपी 53 8829) पधर के पास पहुंचते ही हांफ गई। पधर के पास इंजन ओवरहीट हो गया। ऐसे में ड्राइवर और कंडक्टर ने समय रहते बस में सवार 12 यात्रियों को दूसरी बस में शिफ्ट करवाकर आगे भेज दिया और खुद बस का इंजन ठंडा करने में जुट गए। पानी की बौछारें डालकर बस का इंजन ठंडा किया और दोनों खाली बस को जोगिंद्रनगर की तरफ लेकर चल पड़े। अभी बस मुश्किल से पांच किमी भी नहीं चली थी कि उरला के पास फिर से इंजन गर्म हो गया। यहां पर भी आधे घंटे तक पानी की बौछारें मारकर इंजन को ठंडा करना पड़ा। यहां पर इंजन ठंडा करने के बाद दोनों ड्राइवर-कंडक्टर आगे के लिए रवाना हुए।
5 किमी बाद फिर से बस ने सांस छोड़ना शुरू कर दी। घटासनी के पास फिर से बस का इंजन गर्म हो गया। यहां फिर से इंजन पर पानी की बौछारें मारकर उसे ठंडा करना पड़ा। इसके बाद बस को जोगिंद्रनगर पहुंचाया जा सका। वहीं जब इस बारे में जोगिंद्रनगर के क्षेत्रीय प्रबंधक कुलदीप ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बस में अचानक कोई तकनीकी खामी आई होगी, जिस कारण ऐसा हुआ है। खामी को जल्द ही ठीक कर लिया जाएगा। डिपो के अधीन 48 बसें हैं और सभी अच्छी कंडीशन में काम कर रही हैं।