गर्मी व बरसात के मौसम में जल जनित रोगों से करें बचाव- डॉ. प्रवीण

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डॉ. प्रवीण कुमार ने बताया कि  जल जनित बीमारियों के स्वास्थ्य पर पडने वाले दुष्प्रभाव के बारे में भी जागरूक रहने की आवश्यकता है। उन्होने बताया कि विश्व की 80 प्रतिशत से अधिक बीमारियां दूषित जल से होने वाले रोगों के कारण होती हैं जिनमें डायरिया प्रमुख है। यद्यपि  जल प्राकृतिक रूप से स्वच्छ होता है लेकिन मानव गतिविधियों और वातावरण की अशुद्धियां मिल जाने के कारण इसके रसायनिक, भौतिक और जैविक गुणों का ह्रास हो जाता है, जिसे जल प्रदूषण कहा जाता है। जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जाती, इसलिए जल ही जीवन है,कहा जाता है ।

 उन्होने बताया कि नगरों के सिवरेज तथा नालियों द्वारा, उद्योगों से निकलने वाले रसायनिक विषैले खनिज पदार्थ जैसे ऑर्गनिक, शीशा, कंडेनियम एवं पारा इत्यादि ,दैनिक घरेलू कार्यों, खाना पकाने, स्नान करने ,जल स्त्रोतों में कपड़े धोने ,कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए रसायनिक उर्वरकों एव कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग के कारण् जल प्रदूषण होता है। प्रदूषित जल के कारण बहुत सारे रसायनिक पदार्थ तथा रोग वाहक बैक्टीरिया, वायरस प्रोटोजोआ आदि मानव शरीर में पहुंच जाते हैं जिससे विभिन्न प्रकार की बीमारियां हैजा, टाइफाइड, पेचिश, पीलिया, आंत्रशोथ दस्त रोग उल्टी, कृमि रोग, पोलियो  तथा जल भराव के कारण मच्छर पैदा होने से मलेरिया  तथा डेंगू इत्यादि रोग उत्पन्न हो जाते हैं ।

 उन्होने बताया कि गर्मियों तथा बरसात के मौसम में विशेष कर दस्त रोग शिशुओ और बच्चों तथा आम लोगों  में हो जाता है जिसका अगर समय पर उसका उपचार न किया गया तो निर्जलीकरण से मौत भी हो सकती है। जल जनित रोगों से बचाव के लिए जल स्त्रोतों को गंदा न करें, उनमें  स्नान  न करें न ही कपड़े धोए, पेयजल स्रोतों के चारों ओर कंक्रीट की दीवार लगानी चाहिए ताकि वर्षा का पानी उसमें न जाए, शौच खुले में न जाएँ, शौच जाने के लिए शौचालय का ही प्रयोग करें, पीने के लिए क्लोरीन युक्त नल के जल या हैण्ड पम्प के पानी  का ही उपयोग करें । आवश्यकता पडने पर बावड़ियों और कुएं के पानी को उबाल कर ही पीना चाहिए तथा  15 से 20 लीटर जल में 1 गोली क्लोरीन की आवश्यक पीस कर या 1000 लीटर पानी में 2-5 ग्राम वलिचिग पाउडर डालें, फिर उसके कम से कम आधे घंटे पश्चात ही पानी का उपयोग करें । पानी को साफ बर्तन में ढक कर  रखें। बर्तन से पानी निकालने के लिए हमेशा हैंडल वाले गिलास का उपयोग करें । साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें, व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें, खाने पीने की चीजों को ढक कर रखें, खाना खाने से पहले और शौच जाने के पश्चात साबुन व पानी से हाथ अच्छी तरह से धोएं ,पानी कम से 20 मिनट तक उबालकर ठंडा करके ही पीए  ।