सात जिलों में बारिश-बर्फबारी के आसार, ऊना-नाहन सहित मैदानी क्षेत्रों में छाया कोहरा

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हिमाचल प्रदेश के मध्य और उच्च पर्वतीय सात जिलों में आज से दो दिन बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। आज सुबह से राजधानी शिमला व अन्य भागों में हल्की धूप खिलने के साथ बादल छाए हुए हैं। प्रदेश के अधिकतम पारे में भी गिरावट दर्ज हुई है। वहीं नाहन-ऊना सहित कई मैदानी क्षेत्रों में सुबह घना कोहरा छाया रहा। इससे कई जगह दृश्यता कम रही और वाहन चालकों को परेशानी हुई। दिल्ली में सुबह के समय कोहरा के कारण शुक्रवार को दिल्ली से कांगड़ा हवाई अड्डा आने वाली इंडिगो कंपनी की एक फ्लाइट रद्द रही। यह फ्लाइट दिल्ली से कांगड़ा हवाई अड्डा सुबह साढ़े नौ बजे पहुंचती है, लेकिन कम दृश्यता होने से चलते दिल्ली से ही फ्लाइट ने उड़ान नहीं भरी। इसके चलते दिल्ली से सुबह कांगड़ा हवाई अड्डा के लिए कई यात्री नहीं पहुंच सके। इसके अलावा इंडिगो की एक दिल्ली और एक चंडीगढ़ से फ्लाइट दोपहर के समय कांगड़ा हवाई अड्डा आईं।

कहां कितना न्यूनतम तापमान
शिमला में न्यूनतम तापमान 11.8, सुंदरनगर 4.5, भुंतर 4.5, कल्पा 5.0, धर्मशाला 7.8, ऊना 5.5, नाहन 9.4, पालमपुर 5.5, सोलन 4.0, मनाली 5.4, कांगड़ा 6.0, मंडी 5.9, बिलासपुर 7.5, हमीरपुर 5.5, जुब्बड़हट्टी 9.4, कुकुमसेरी -5.7, कुफरी 10.2, नारकंडा 7.6, भरमाैर  9.4, रिकांगपिओ 7.1, सेऊबाग 4.6, बरठीं 5.6, कसाैली 11.7, पांवटा साहिब 9.0, सराहन 5.8, देहरा गोपीपुर 9.0, ताबो -2.9, नेरी 10.4 व बजाैरा में 4.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

इन जिलों में बारिश-बर्फबारी के आसार
माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से 20 व 21 दिसंबर को किन्नौर, लाहौल-स्पीति, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी व शिमला के कई क्षेत्रों में 20 और 21 दिसंबर को बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। 22 से 26 दिसंबर तक पूरे प्रदेश में माैसम साफ रहने के आसार हैं। 23 व 24 दिसंबर को मैदानी कुछ क्षेत्रों में सुबह व शाम के वक्त कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं  ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी के बाद ठंड का असर और बढ़ गया है। कुल्लू और लाहौल-स्पीति में शीतलहर तेज हो गई है। न्यूनतम तापमान में गिरावट के कारण लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है।

अधिकतम तापमान
ऊना 25.2
हमीरपुर 24.3
मंडी 22.8
बिलासपुर 21.7
कांगड़ा 21.5
सोलन 21.2
नाहन 20.0
शिमला 18.2
मनाली 17.4

पहाड़ों में ठंड बढ़ने से गद्दी समुदाय ने भेड़-बकरियों के साथ किया मैदानी इलाकों का रुख
ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण गद्दी समुदाय के लोगों ने अब मैदानी इलाकों का रुख करना शुरू कर दिया है। सर्दी बढ़ने के साथ ही पहाड़ों में रहना कठिन हो गया है, जिस कारण गद्दी लोग अपनी भेड़-बकरियों के साथ मैदानी क्षेत्रों का रुख कर लिया है।  पहले के समय में गद्दी समुदाय के लोग अपनी पारंपरिक वेशभूषा के लिए पहचाने जाते थे। कमर पर डोरा, चोला और सिर पर पारंपरिक पहनावा उनकी अलग पहचान हुआ करता था। मैदानी इलाकों की ओर जाते समय सड़कों पर गद्दी लोगों की गाड़ियों के काफिले नजर आते थे, लेकिन अब समय के साथ यह दृश्य काफी कम हो गया है। हालांकि, आज भी कुछ गद्दी परिवार अपनी परंपराओं को जीवित रखे हुए हैं, लेकिन आधुनिकता और बदलती जीवनशैली के कारण पारंपरिक पहनावे में कमी देखी जा रही है।