हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों में ई-रिक्शा के 400 परमिट जारी किए जाएंगे। प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि राज्य के विभिन्न उप मंडलों के पहाड़ी क्षेत्र और सार्वजनिक सुरक्षा के हित में अधिसूचना जारी करते हुए समस्त क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरणों को राज्य के उप मंडलों में यात्री अनुबंधित कैरिज परमिट के तहत ई-रिक्शा परमिट प्रदान करने की अनुमति दी है। इसके तहत कांगड़ा जिला के उपमंडल पालमपुर में 30, धर्मशाला- मैक्लोडगंज में 36 परमिट की अनुमति होगी। चंबा जिला के उपमंडल चंबा (सदर) में 5, भटियात 9, किन्नौर के कल्पा/रिकांगपिओ में 15, सांगला 10, सिरमौर के नाहन उपमंडल में 15 व राजगढ़ में 2 परमिट की अनुमति होगी। इसी तरह मंडी के जोगिंद्रनगर में 15, पधर 35, सरकाघाट 5, धर्मपुर 5, कुल्लू 30, भुंतर 15, बंजार 20, मनाली30, पतलीकुहल15, नग्गर 15 परमिट, शिमला के ठियोग में 6, रोहड़ू 20, सोलन के कंडाघाट में 3, नालागढ़ 10, बद्दी 15, हरोली में 17, शेष ऊना जिला (ऊना मुख्यालय और अन्य क्षेत्र) में 20 परमिट की अनुमति होगी।
ई-रिक्शा को ही नए पंजीकरण की अनुमति
इन उपमंडलों, क्षेत्रों में केवल ई-रिक्शा को ही नए पंजीकरण की अनुमति दी जाएगी। राज्य के शेष उप मंडलों में ऑटो रिक्शा/ई-रिक्शा का परिचालन निषिद्ध रहेगा। हालांकि, यह प्रतिबंध राज्य में वैध परमिट के आधार पर पहले से चल रहे ऑटो रिक्शा पर लागू नहीं होगा। इस अधिसूचना के तहत पंजीकृत/अधिकृत प्रत्येक ई-रिक्शा के परिचालन का क्षेत्र संबंधित उपमंडल के मुख्यालय से 20 किलोमीटर की परिधि तक ही सीमित रहेगा, जहां ऐसा पंजीकरण/प्राधिकार प्रदान किया गया है। एक बार जब ई-रिक्शा एक विशेष उप मंडल में पंजीकरण या संचालन के लिए अधिकृत हो जाता है, तो निर्धारित मुख्यालय स्थायी और अपरिवर्तित रहेगा, जिसे किसी भी परिस्थिति में बदला, स्थानांतरित या परिवर्तित नहीं किया जाएगा। वाहन सख्ती से उसी उप मंडल की न्यायिक सीमाओं के भीतर संचालित होगा और निर्धारित दायरे से परे कोई भी परिचालन इस अधिसूचना और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के प्रावधानों का उल्लंघन माना जाएगा।