जेपी नड्डा के बयान के बाद सिरमौर में खलबली, खबर पढ़ने के बाद आपकी राय…

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भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सूबे की राजधानी शिमला में 2022 के विधानसभा चुनाव में कुछ मौजूदा विधायकों के टिकट कटने के संकेत दिए हैं। नड्डा ने यह भी साफ कर दिया कि 15 फीसदी सिटिंग विधायकों के टिकट कट सकते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी हारे हुए प्रत्याशियों के टिकट भी बदल सकती है।  पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की इस टिप्पणी के बाद हालांकि समूचे प्रदेश में खलबली मच गई है, वहीं इससे सिरमौर जनपद भी अछूता नहीं है।  इस सवाल का जवाब तलाश किया जा रहा है कि सिरमौर में किसका टिकट कटेगा?

 सिरमौर के नाहन विधानसभा क्षेत्र से इस समय पूर्व स्पीकर डॉ राजीव बिंदल विधायक हैं। वो नाहन हलके से लगातार दो चुनाव जीतने के बाद इस बार हैट्रिक बनाने की कोशिश में रहेंगे। इसी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी ने रिटायर्ड मेजर जनरल अतुल कौशिक को हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के चेयरमैन पद से नवाजा था। यह संवैधानिक पद है। पार्टी ने पहले डॉ राजीव बिंदल को स्पीकर के पद से हटाया फिर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से चंद समय में विदाई कर दी। बावजूद इसके राजीव बिंदल मैदान में डटे हुए है।  

पहले ऐसा कहा जा रहा था कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा बस स्टैंड में निर्मित बहुमंजिला पार्किंग का शिलान्यास किया जाएगा। लेकिन अब सीएम की बजाय खुद पूर्व स्पीकर पार्किंग का लोकार्पण कर रहे है। फ़िलहाल इसके मायने समझ से परे है। उधर, पांवटा साहिब निर्वाचन क्षेत्र से विधायक सुखराम चौधरी ऊर्जा मंत्री के ओहदे पर काबिज है। हालांकि चौधरी इस कार्यकाल में कोई भी करिश्माई उपलब्धि अर्जित नहीं कर पाए हैं, लेकिन अपना टिकट बचाने में कामयाब हो सकते हैं। शिलाई विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के करीबी दोस्त बलदेव तोमर 2017 का विधानसभा चुनाव हार गए थे। इस बार मुख्यमंत्री शिलाई इलाके में निजी तौर पर भी गहरी रुचि ले रहे हैं। विकास कार्यों की झड़ी लगा रखी है। शायद, समूचे सिरमौर में इतने कार्य नहीं हुए, जितनी घोषणाएं शिलाई विधानसभा क्षेत्र में की गई हैं।

सवाल यह भी उठता है कि क्या बलदेव तोमर अपना टिकट सीएम से दोस्ती के दम पर  बचाने में सफल हो जाएंगे या नहीं। क्योंकि इस विधानसभा क्षेत्र में कई नए फैक्टर भी उभर रहे हैं। भाजपा के लिए श्री रेणुका जी विधानसभा क्षेत्र हमेशा ही टेंशन वाला रहा है। यही कारण है कि कांग्रेस की बांछें खिली रहती हैं। पिछली बार भाजपा ने बलवीर चौहान को टिकट दिया था, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी ने बाजी मार ली। हालांकि पूर्व विधायक रूप सिंह को बीजेपी पार्टी में शामिल करने में सफल हो गई थी, लेकिन वो भी पैठ बनाने में सफल होते नजर नहीं आए। धूमल सरकार के दौरान बीजेपी उप चुनाव जीतने में सफल हुई थी। चुनाव जीतने वाले हिरदा राम कभी भी पार्टी की मुख्यधारा में नजर नहीं आए।। उधर हिरदा राम की पत्नी ने भी आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ने का दावा किया है।