डॉक्टरों ने घायल महिला के इलाज से किया इनकार, परिजनों का फूटा गुस्सा

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जनपद की राजपुरा डिस्पेंसरी मे उस समय तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई जब एक घायल महिला को इलाज के लिए लाया गया, लेकिन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ ने कथित रूप से उपचार देने से इनकार कर दिया। घटना के बाद महिला के परिजनों ने डिस्पेंसरी स्टाफ पर लापरवाही और दुर्व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों ने पूरी घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा कर दिया, जो अब तेजी से वायरल हो रहा है। परिजनों का कहना है कि घायल महिला को शरीर और मुंह पर गंभीर चोटें आई थीं तथा खून बह रहा था। जब वे तुरंत उपचार के लिए राजपुरा डिस्पेंसरी पहुंचे तो स्टाफ ने न तो प्राथमिक उपचार किया और न ही गंभीरता से बात की। परिजनों के अनुसार, स्टाफ का रवैया बेहद असंवेदनशील था और उनके साथ अभद्रता की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि घायल महिला की हालत गंभीर होने के बावजूद डॉक्टरों ने लापरवाही दिखाई और उसे अनदेखा कर दिया।

घटना के संबंध में मेडिकल ऑफिसर हेल्थ (MOH) डॉ. परविंदर सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि उन्हें मामले की सूचना मिल चुकी है और आरोपों की जांच के लिए बीएमओ (ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर) मार्कण्ड को जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द मांगी गई है और यदि कोई भी मेडिकल स्टाफ इस मामले में दोषी पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त और उचित कार्रवाई की जाएगी।

    डॉ. परविंदर सिंह ने स्पष्ट किया कि किसी भी अस्पताल में यदि कोई मरीज इलाज के लिए आता है, तो उसके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपात स्थिति में मरीज को प्राथमिक उपचार देना हर चिकित्सा संस्थान की प्राथमिक जिम्मेदारी है। इस प्रकार की घटनाएं न केवल स्वास्थ्य सेवा की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि लोगों के विश्वास को भी कम करती हैं।

फिलहाल, पूरे मामले की जांच जारी है और स्थानीय लोग भी इस घटना को लेकर चिंता व्यक्त कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो के चलते प्रशासन पर मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई का दबाव बढ़ता जा रहा है।