शिमला के ढली से कुफरी के बीच बैठे तहबाजारियों ने वन विभाग, NHAI और पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिमला में उपायुक्त कार्यालय के बाहर सीटू के बैनर तले तहबाजारी यूनियन ने धरना प्रदर्शन किया और सरकार व प्रशासन पर उनका रोजगार छीनने के आरोप लगाए। यूनियन का कहना है कि वन विभाग और NHAI स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी 2014 का उल्लंघन कर तहबाजारियों को बसाने के बजाय उजाड़ने का काम कर रहे हैं।सीटू के प्रदेश अध्यक्ष विजेंदर मेहरा ने कहा कि ढली से कुफरी तक कई वर्षों से रेहड़ी फड़ी, ढाबे का संचालन कर लोगों को वन विभाग, NHAI और पुलिस के लोग तंग कर रहे हैं उन्हें काम करने से रोका जा रहा है। यह एरिया नगर निगम और नगर पालिका से बाहर आता है ऐसे में 2014 के स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी के तहत इनको शहरी विकास मंत्रालय ने बसाने का काम करना था जबकि इनको उजाड़ने का काम किया जा रहा। रोजगार करने का संविधान सभी लोगों को अधिकार देता है लेकिन शिमला में स्ट्रीट वेंडर एक्ट 2014 की उल्लंघना हो रही है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार इस मामले को सुलझाने के लिए आगे आए और इन्हें उजाड़ने का कार्य शीघ्र बंद किया जाए।