मनाली-लेह सडक़ पर बारिश के कारण फंसी गडिय़ां

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मनाली-लेह समरिक मार्ग गुरुवार आधी रात बाढ़ आने से बंद हो गया, जिससे दोनों तरफ ट्रकों की लाइनें लग गई। सूचना मिलते ही बीआरओ 70 आरसीसी ने आधी रात को ही सडक़ बहाल कर फंसे ट्रकों को आर-पार करवाया। शुक्रवार सुबह फिर बाढ़ आने से सडक़ दलदल बन गई। दोपहर एक बजे तक मार्ग एक तरफा वाहनों के लिए बहाल कर दिया। हालांकि बीआरओ दो तरफा सडक़ बहाली में जुटा है,लेकिन यातायात सुचारू हो गया है। बीआरओ 70 आरसीसी के ओसी मेजर रवि शंकर ने बताया कि बारिश के साथ तेजी से ग्लेशियरों के पिघलने से मनाली-लेह सामरिक मार्ग पर जिंगजिंगबर के समीप बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। यह हादसा गुरुवार देर रात पेश आया, लेकिन सीमा सडक़ संगठन 70 आरसीसी के जवानों ने जान जोखिम मे डाल कर आधी रात मे ही युद्धस्तर पर काम शुरू किया।

संगठन ने आधी रात को ही मनाली-लेह सामरिक सडक़ मार्ग ट्रैफिक के लिए सिंगल लेन खोल दिया हैं। गुरुवार देर रात बारिश के साथ ग्लेशयरों के तेजी से पिघलने के कारण पहाड़ से भारी मात्रा मे मलबा और पत्थर सडक़ में फैल गए, जिस कारण मनाली-लेह हाई-वे केलांग से करीब 50 किमी दूर जिंगजिंगबर के समीप बंद हो गया। इस दौरान दर्जनों वाहन घंटों तक फंसे रहे। सीमा सडक़ संगठन के 70 आरसीसी के ओसी मेजर रवि शंकर ने बताया की गुरुवार देर रात बाढ़ आने की जैसे ही सूचना मिली तत्काल मशीनों और जवानों को जिंगजिंगबर मे तैनात कर दिया। सडक़ बंद होने से दोनों तरफ दर्जनों वाहन फंस गए। संगठन के अधिकारियों और जवानो ने जान जोखिम मे डाल कर वारिश के बीच आधी रात को सडक़ बहाल किया। मलबे में फंसे सभी सैलानियों को सुरक्षित निकाला गया। मेजर रवि शंकर ने बताया बताया कि सडक़ फिलहाल सिंगल लेन खोला गया है। डबल लेन खोलने के लिए संगठन ने अतिरिक्त मशीन और जवानों को तैनात कर दिया हैं।