हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 1 अप्रैल से रहना महंगा हो गया है। राजधानी में एक अप्रैल से संपत्ति कर व कूड़े के बिल की राशि में बढ़ोतरी होगी। कूड़े की राशि मे करीब 10 प्रतिशत वृद्धि होना प्रस्तावित है। माना जा रहा है। संपत्ति कर की दर में आठ प्रतिशत वृद्धि होना तय है। कूड़े की दर में भी 10 प्रतिशत वृद्धि करने का निर्णय लिया जा चुका है। यह हर साल लागू किया जाता है। वहीं, शहर में अवैध निर्माण पर भी नगर निगम का डंडा चल गया है। नगर निगम ने शहर में बने अवैध निर्माण को गिराने के निर्देश दे दिए हैं। अभी हाल में ही नगर निगम ने शिमला में 10 अवैध निर्माण को हटाने के आदेश दिए हैं।नगर निगम आयुक्त भूपिंदर कुमार अत्री ने कहा कि प्रॉपर्टी टैक्स व कूड़े के बिल में अलग से कोई बढ़ोतरी नही की गई है। नगर निगम सदन में यह पहले ही पास हो चुका है कि प्रतिवर्ष कूड़े के बिलों में 10% कई बढ़ोतरी की जाएगी। जिससे उतनी ही बढ़ोतरी सेहब सोसाइटी के कर्मियों के वेतन में होगी। यह रोजमर्रा की प्रक्रिया है कोई कूड़े के बिलों में अतिरिक्त बढ़ोतरी नही की गई है। वहीं प्रॉपर्टी टैक्स है उसमें इस बार आठ प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।यह कोई नई बढ़ोतरी नही है।गत वर्ष बिल नही बनाये गए थे। इस कारण गत और इस वर्ष को मिलाकर आठ प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। प्रॉपर्टी टैक्स में पहले से ही निर्धारित है कि प्रतिवर्ष 4% वृद्धि की जाए,बजट में ऐसा कोई निर्णय नही हुआ है।शहर में अवैध निर्माण को लेकर नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र कुमार अत्री ने कहा कि नियमों को दरकिनार कर नगर निगम में लगभग 1400 मामले हैं। नगर निगम कोर्ट में प्रत्येक शनिवार को यह मामले लगते हैं। अभी हाल ही में शनिवार को शहर में 10 अवैध निर्माण को गिराने के निर्देश हुए हैं।शहर में अवैध निर्माण को बनने नहीं दिया जाएगा।यह जो मामले हैं वह पुराने मामले हैं।उन्होंने कहा कि अब जो भी शहर में अवैध निर्माण का मामला आता है तो उस भवन मालिक को 24 घंटों के भीतर नोटिस दिया जाता है।अगर भवन अवैध है तो उसे गिराने के तुरंत आदेश दिए जाते हैं।