हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नाटकीय घटनाक्रम बदस्तूर जारी है। ताजा जानकारी के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष (speaker of the assembly) ने भाजपा के 15 विधायकों को निष्कासित किया है। अंतिम जानकारी के मुताबिक सदन को 12 बजे तक स्थगित किया गया है, लेकिन ये विधायक सदन में ही बैठे हुए हैं।
चूंकि विधानसभा अध्यक्ष ने मार्शल द्वारा विधायकों को बाहर ले जाने के भी आदेश दिए हुए हैं, लिहाजा यदि विधायक सदन नहीं छोड़ते हैं तो उन्हें बलपूर्वक बाहर निकाला जा सकता है। भाजपा विधायकों का हंगामा जारी है। मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष तक विधायकों के हंगामे का संज्ञान लेते हुए विधायकों को निष्कासित किया गया है।
बताया जा रहा है कि ये विधायक बजट को पारित करने के दौरान वोट का इस्तेमाल भी नहीं कर सकते हैं। भाजपा मत विभाजन पर अड़ी हुई थी। भाजपा के विधायकों के निष्कासित होने के बाद अगर कांग्रेस के बागी विधायक पार्टी से अलग भी रहते हैं तो उस सूरत में कांग्रेस का डैमेज कंट्रोल होने की गुंजाइश तो रहेगी ही, साथ ही बागी विधायकों की सदस्यता भी रद्द हो सकती है।
उधर, तेजतर्रार लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह के इस्तीफे से भी हलचल तेज है। उधर, बागी विधायक सीएम को बदलने की मांग पर अड़े हुए हैं। पार्टी पर्यवेक्षक भूपेंद्र हुड्डा व शिव कुमार के भी शिमला पहुंचने की संभावना जताई जा रही थी।
खबर ये है कि पार्टी प्रभारी राजीव शुक्ला की बीती देर रात बागी विधायकों से फोन पर लंबी बातचीत हुई। बागी विधायक रात को शिमला नहीं लौटे थे, बल्कि मीडिया को चकमा देने के लिए बाहर आए थे, इसके बाद पंचकूला के होली डे इन में ही रुक गए थे, जबकि राजेंद्र राणा चंडीगढ़ में अपने आवासा पर चले गए थे।
ये है निष्कासित विधायक…
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, विपिन सिंह परमार, रणधीर शर्मा, लोकेंद्र कुमार, विनोद कुमार, हंसराज, जनकराज, बलबीर वर्मा, त्रिलोक जम्वाल, सुरेंद्र शौरी, दीपराज, पूर्ण चंद, इन्द्र सिंह गांधी, दलीप ठाकुर, रणवीर सिंह को निलंबित किया गया है।