युवाओं को ऐसी सरकार में कोई दिलचस्पी नहीं है। ऐसे में लोगों के हित को देखते हुए इस सरकार को तुरंत रिजाइन कर देना चाहिए। युवा वर्ग पूरी तरह से मानसिक परेशानी में है। उन्होंने राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि हिमाचल में इस मुद्दे को गंभीरता से ले और केंद्र की सरकार के साथ इस मुद्दे को उठाएं। चुनाव से भी अब युवाओं का विश्वास उठ गया है और यदि युवाओं के हित में कोई फैसला नहीं होता है तो इस बार लोकसभा इलेक्शन में भी युवा वोट नहीं करेंगे।