मुख्यमंत्री ने पूछा कि मेरी पसंद का कौन सा विभाग है तो जरूर बताउगा: राजेश धर्माणी

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दिल्ली जाते समय कैबि:नेट मंत्री राजेश धर्मानी थोड़ी देर के लिए सोलन के सर्किट हाउस मे रुके। जहां उनका कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होने कहा कि पार्टी ने उन्हे जो ज़िम्मेदारी दी है उसको अच्छी तरह से पूरी इममानदरी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ निभाएंगे। उन्होने कहा कि जनहित को सर्वोपरि मानते हुए राजधर्म पर चलने वाले व्यक्ति है और जो भी राजधर्म पर चलने वाली बात होगी उसको करेंगे।
हिमाचल मे लोगों को रोजगार देने की बात पर उन्होने कहा कि सभी को सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती। उन्होने कहा कि सरकारी नौकरी के चक्कर मे युवा अपनी पावर को खत्म करता चला जा रहा है। जबकि सरकारी नौकरी से ज्यादा जरूरत है प्रति व्यक्ति की आय को किस तरह बड़ाया जाए उनको ऐसे काम सिखाये जाए जो अपनी स्किल को भी बढ़ाए । आजीविका कहाँ से कमाई जाए वो जरूरी है और उसकी आय सम्मानजनक हो। उन्होने कहा कि सरकारी सैक्टर को लोग इस लिए प्रेफर करते है क्योकि उसमे सोशल सिक्योरिटी स्कीम ज्यादा होती है। इपीएफ और ऐसी स्किमे बढ़ाए जिससे लोग प्राइवेट सेक्टर को भी प्रेफर करे। जब लोगों मे इन सिक्योरिटी फील कम करेंगे और जो लोग अपने भविषय को लेकर डरते है कि कल क्या होगा अगर उनके मन के इसी दर को हम कर देंगे तो लोग सरकारी और प्राइवेट जॉब मे कोई फर्क नहीं समझेंगे। जिस कारण प्रोडिक्टिविटी बढ़ेगी।
उन्होने माना कि सरकार कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और प्रति व्यक्ति 1 लाख 2 हजार का कर्जा प्रति व्यक्ति पर है। उन्होने कहा कि इसको लेकर सरकार ने कड़े कदम उठाए है खर्चों मे कटौती कि है । भ्रस्ताचर पर रोक लगाई, शराब के ठेको की नीलामी से 500 करोड़ के राजस्व का फायदा हुआ। फिजूलखर्ची पर रोक लगाई रेस्ट हाउस जो कभी वीआईपी को कम दामों पर दिये जाते थे उनमे बड़ौतरी की। उन्होने माना कि इस तरह के खर्चों मे कटौती छोटी है लेकिन छोटे छोटे खर्चे रोककर भी आय बड़ाई जा सकती है।
उन्होने कहा कि जो हमारी टैंडर पॉलिसी है और जो प्रिकयुरमैंट है उसमे जितनी पारदर्शिता बढ़ाएँगे उसमे हमारी सेविंग होगी और उसी से हम 200 से 400 करोड़ तक की बचत हर साल कर सकते है। साथ ही नए रिसोरसिस बढ़ाने पड़ेंगे नए संसाधन पैदा करने पढ़ेंगे। जब प्रोडिक्टिविटी बढ़ती है तो सरकार की आय भी बढ़ती है।
उनकी पसंद का कौन सा विभाग है पर उन्होने कहा कि जब भी मुख्यमंत्री उनकी पसंद पूछेंगे तो जरूर बताउगा
लेकिन तब ही बता पाऊँगा जब मुख्यमंत्री जी पूछेंगे।
उन्होने कहा कि विधायक से मंत्री बनना चुनौती जरूर है क्योकि जितना बड़ा पद होता है ज़िम्मेदारी भी उतनी ही बड़ी होती है । उन्होने कहा कि सबकी उम्मीदों को पूरा नहीं किया जा सकता लेकिन फिर भी उनका प्रयास रहेगा कि पहुंच वालों का काम तो हो जाता है लेकिन जिससे जनता का भला हो वो उनकी प्राथमिकता रहेगी