चित्रकूट स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स, शूलिनी विश्वविद्यालय ने शुक्रवार को राष्ट्रीय अनुसंधान पद्धति कार्यशाला का सफलतापूर्वक समापन किया। पांच दिवसीय कार्यशालाओं में 20 सत्र, 20 संसाधन व्यक्ति और 200 से अधिक ऑनलाइन प्रतिभागी शामिल थे।
कार्यशाला के वक्ता पंजाब विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एसएल शर्मा, सामाजिक विज्ञान के पूर्व डीन और श्री अनिल रैना, जीएनडीयू के श्री आरएस घुमन, श्रीमती आभा चौहान, जम्मू विश्वविद्यालय, के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय की श्रीमती रेखा सक्सेना थीं। श्रीमती अनुराधा सेखरी, आईडीसी, चंडीगढ़, श्री मनोज तेवतिया, सीआरआरआईडी और स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स, शूलिनी विश्वविद्यालय के संकाय सदस्य भी कार्यशाला का हिस्सा थे।
समापन दिवस पर मुख्य फोकस साहित्य शोध पर रहा। वक्ताओं ने रेफ़्रेन्स मेथड और बिबिलोग्राफ़ी बनाने के विभिन्न तरीकों पर चर्चा की।
पंजाब विश्वविद्यालय के प्रो. पम्पा मुखर्जी ने समापन सत्र की अध्यक्षता की और सामाजिक विज्ञान, साहित्य और मानविकी के क्षेत्र में रीसर्च के भविष्य पर अपने विचार साझा किए।
कार्यशाला पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, जिसके बाद मुख्य अतिथि ने टिप्पणी की। चित्रकूट स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स की डीन प्रो. मंजू जैदका के साथ अन्य संकाय सदस्यों और प्रतिभागियों ने चर्चा में भाग लिया।