हिमाचल प्रदेश के क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में डॉक्टरों ने सोमवार को अपनी मांग को लेकर 2 घंटे तक काले बिल्ले लगाकर हड़ताल की, जो डॉक्टर कल्याण के नेतृत्व में की गई। इस मौके पर डॉ कल्याण ने बताया कि काले बिल्ले लगाकर हड़ताल करने का मकसद अपनी मांगें मनवानी हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि पिछली सरकार के समय से ही डॉक्टरों का विरोध जारी है, लेकिन पिछली सरकार ने डॉक्टरों की मांगों को लेकर एक कमेटी बनाई थी, जिसका नतीजा कुछ नहीं निकला। लिहाजा अब वर्तमान में भी डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल करने को मजबूर हो गए हैं।
डॉक्टर कल्याण ने बताया कि सबसे मुख्य मांग बंद किए गए NPA को बहाल करने की है। डॉक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस अलाउंस दिया जाता था, ताकि सरकारी डॉक्टर खाली समय में प्राइवेट क्लिनिक या अन्य स्थानों पर प्रैक्टिस न करें। डॉक्टरों को 24 घंटे सेवाएं देने के एवज में यह NPA दिया जाता था, लेकिन अब इसे बंद करने का फरमान जारी किया गया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि NPA को बंद न किया जाए, ताकि डॉक्टरों के साथ-साथ इसका आम जनता को भी फायदा पहुंचे और डॉक्टर सरकारी अस्पताल में ही ज्यादा से ज्यादा समय मरीजों को दें।
इसके अलावा उन्होंने यह भी मांग की है कि हिमाचल प्रदेश केरल जैसे राज्य को स्वास्थ्य के क्षेत्र में टक्कर दे रहा है, जिसमें कभी केरल तो कभी हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य के क्षेत्र में अव्वल रहा है, लेकिन इसके बावजूद पहाड़ी राज्यों की तुलना करें तो उत्तराखंड में अपना काडर 7000 तक पहुंच चुका है। हिमाचल प्रदेश में डॉक्टरों का काडर बढ़ाया जा रहा है। डॉक्टरों की हड़ताल के दौरान क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में उपचार करवाने पहुंचे मरीज परेशान रहे। 2 घंटे तक मरीज डॉक्टरों की ओपीडी के बाहर डॉक्टर का इंतजार करते रहे।