बिलासपुर – कोविड-19 का पालन करते हुए विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सुनाहणी में जिला स्तरीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में जिला सूचना शिक्षा एवं संप्रेक्षण अधिकारी राजकुमार ने कहा कि डब्ल्यूएचओ प्रतिवर्ष नए थीम के साथ विश्व कैंसर दिवस का आयोजन करता आया है। इस वर्ष का थीम ‘क्लोज द केयर गैप’ पर आधारित है ताकि आम जन में कैंसर के प्रति जानकारी व समझ बड़ सके।
उन्होंने कहा कि कैंसर रोगों की एक श्रेणी है जिसमें कोशिकाओं का एक समूह सामान्य से अधिक वृद्धि करता है, साथ की कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त करता है तथा कई बार लसिका व रक्त के माध्यम से शरीर के दूसरे भागों में फैल जाता है। रोग में आमतौर पर ट्यूमर बनते हैं जबकि ल्यूकेमिया में ट्यूमर नहीं बनते।
उन्होंने कहा कि महिलाओं में मुख्य रूप से स्तन कैंसर, फेफड़ों, सर्वाइकल मुख्य हैं जबकि पुरुषों में फेफड़े, लीवर, खाने की नली और प्रोस्टेट आदि का कैंसर अधिक होता है। वर्तमान में कैंसर की जांच और इलाज दोनों संभव है लेकिन जानकारी के अभाव में लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि शुरुआती चरण में कैंसर का पता चल जाए तो उसका इलाज काफी हद तक आसान हो जाता है।
उन्होंने बताया कि कैंसर का इलाज कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और सर्जरी के माध्यम से किया जाता है। किसी व्यक्ति में कैंसर के लक्षण जैसे स्तन में गांठ, दर्द या स्तन का सख्त होना, मस्से व तिल के आकार में बदलाव, लगातार खांसी और गले में खराश रहना, शरीर के किसी भी भाग से रक्त बहना, बिना कारण के वजन का कम होना, शरीर के किसी भाग में सूजन या जख्म जो ठीक ना हो रहा हो, मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक रक्त बहना या बिना मासिक धर्म के ही खून बहना आदि समस्याएं होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नशा मुक्त जीवन शैली और बेहतर व्यक्तिगत साफ-सफाई संतुलित आहार से कैंसर को 30 प्रतिशत तक रोका जा सकता है।
उन्होंने बताया कि बदलती जीवन शैली, बढ़ती नशाखोरी, शराब, तंबाकू, गुटके का सेवन, जंक फूड की नई संस्कृति, शहरीकरण, खाद्य पदार्थों में कीटनाशकों का उपयोग, पर्यावरण प्रदूषण कैंसर को दावत दे रहे हैं।
इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य शिक्षक दीप कुमार ने कहा कि दुनिया में होने वाली मौतों का है यह एक बड़ा कारण है। कैंसर रोग के संबंध में फैली भ्रांतियों को दूर करना, रोग बचाव प्रारंभिक निदान व उपचार के प्रति जागरूकता लाकर घातक कैंसर पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
कैंसर से संबंधित अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए विशेषज्ञों से राय लेना आवश्यक है व जागरूकता शिविरों में भाग लेना चाहिए ताकि इस प्रकार के रोगों पर नियंत्रण पाया जा सके।
कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाचार्य सुरजीत कुमार, स्कूल के अध्यापकों व बच्चों ने भाग लिया।