राजधानी के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में छह दिवसीय कला प्रदर्शनी का सोमवार से शुभारंभ हो गया है। शिमला की चित्रकार ममता धर्मा द्वारा बनाई गई चित्रकला की प्रदर्शनी का शुभारंभ सुविख्यात चित्रकार, मूर्तिकार और शिक्षाविद पद्म श्री बीमान बिहारी दास ने किया और ममता धर्मा के प्रयासों की सराहना की।
उद्घाटन समारोह में पद्मश्री पुरस्कार विजेता, भारतीय मूर्तिकार बीमान बिहारी दास ने कहा कि ममता धर्मा ने तथागत से हटकर सोचा है और थ्रेड पेंटिंग अलग प्रयास है। आज यह मायने नही रखता है कि कैसे बनाया बल्कि यह देखना है कि पेंटिंग देखने वाले को कोई संदेश दे रही है या देखने वाले के क्लिक कर रही है या नहीं। कलाकार की कला अगर देखने वाले को पसंद आए तो यही उसकी सफलता है। कला का कोई अंत नहीं है। इसमें अपार संभावनाएं है। हमारे देश की कला को कोई कम नहीं आंक सकता है।वहीँ, चित्रकार ममता धर्मा ने कहा कि वह आम महिलाओं की तरह घरेलू कामों से बाहर निकलकर कुछ खास करना चाह रही थी जिसके बाद उन्होंने यह पेंटिंग बनाना शुरू किया। इसके लिए कई कलाकर उनके लिए प्रेरणा बने। उनकी पेंटिंग में मेटल एम्बॉस, थ्रेड और ग्लास पेंटिंग मुख्य है। इस प्रदर्शनी में मेटल के माध्यम व धागे से शीशे पर उकेरी पेंटिंग ने सबका ध्यान अपनी ओर खींच रही है।
वहीँ, चित्रकार ममता धर्मा ने कहा कि वह आम महिलाओं की तरह घरेलू कामों से बाहर निकलकर कुछ खास करना चाह रही थी जिसके बाद उन्होंने यह पेंटिंग बनाना शुरू किया। इसके लिए कई कलाकर उनके लिए प्रेरणा बने। उनकी पेंटिंग में मेटल एम्बॉस, थ्रेड और ग्लास पेंटिंग मुख्य है। इस प्रदर्शनी में मेटल के माध्यम व धागे से शीशे पर उकेरी पेंटिंग ने सबका ध्यान अपनी ओर खींच रही है।
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