हिमाचल प्रदेश में वर्तमान समय में कुल 1,86,436 सरकारी अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें से 1,17,521 अधिकारी और कर्मचारियों ने नई पेंशन योजना (NPS) के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का विकल्प चुना है। सरकार द्वारा यह विकल्प दिए जाने के बाद अधिकांश कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना के तहत शामिल हो गए हैं। ये जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को विधानसभा में विधायक बिक्रम ठाकुर के सवाल के लिखित जवाब में दी। मुख्यमंत्री ने लिखित जवाब में बताया कि प्रदेश सरकार ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने का निर्णय लिया था, जिसके बाद कर्मचारियों को ओपीएस में लौटने का अवसर दिया गया। अब तक प्रदेश के सभी विभागों में ओपीएस लागू हो चुका है। हालांकि राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों और स्वायत्त संस्थानों में सरकार के सीधे नियंत्रण के अभाव के कारण यह योजना स्वचालित रूप से लागू नहीं हो पाई है।
12 हजार से अधिक कर्मचारी हुए सेवानिवृत्त
मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत रिकार्ड के अनुसार पुरानी पेंशन योजना के तहत सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के आंकड़ों में बताया गया कि पुरानी पेंशन योजना लागू करने पर कुल 117251 कर्मचारियों ने ओपीएस का विकल्प दिया है तथा अब तक 12,806 कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
बकाया देनदारी नहीं, प्रक्रिया पूरी
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि पुरानी पेंशन योजना लागू करने के बावजूद कोई बकाया देनदारी लंबित नहीं है। राज्य सरकार ने सभी विभागों में ओपीएस के अंतर्गत कर्मचारियों के लाभ सुनिश्चित किए हैं और पेंशन प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।
मुख्यमंत्री का कहना है कि प्रदेश के सभी निगम, स्वतंत्र निकाय हैं तथा इनके कर्मचारियों पर सरकारी नियम व दिशा निर्देश स्वतः लागू नहीं होते हैं।