हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HP State Pollution Control Board) ने वायु प्रदूषण के नियमों की पालना न करने पर सीमेंट निर्माताओं के खिलाफ सख्ती दिखाई है। बरमाणा में एसीसी सीमेंट (ACC Cement) और दाड़लाघाट में अल्ट्रा टेक सीमेंट (UltraTech Cement) पर क्रमशः 1.29 करोड़ रुपये और 68 लाख रुपये का पर्यावरणीय मुआवजा (Environmental Compensation) लगाया है। बोर्ड के सदस्य सचिव अपूर्व देवगन ने 20 अप्रैल को ये आदेश जारी किए गए थे । इन्हे एक सप्ताह के भीतर मुआवजा जमा करने का निर्देश दिया गया है।
एसीसी सीमेंट के मामले में जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 तक परिवेशी वायु गुणवत्ता (Ambient Air Quality) के परिणामों का प्रतिकूल वार्षिक औसत परखा गया। ये राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता (National Ambient Air Quality Standards) मानकों से अधिक था। बोर्ड ने पाया कि प्रदूषण के अल्पीकरण के उपकरणों में कमी थी, जिससे ऊर्ध्वाधर जड़ उपचार (Vertical Root Treatment ) का पाइपलाइन नेटवर्क टूटा हुआ था, और परिणामस्वरूप अनुपचारित अपशिष्ट (Untreated Waste) को खुले में छोड़ा जा रहा था।
एसीसी सीमेंट्स को 23 मार्च को एक कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था, जिसमें उल्लेख किया गया था कि जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 और वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम,1981 की धारा 21 के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है। इस पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(National Green Tribunal) ने बोर्ड को गैर-अनुपालन के लिए प्रदूषणकारी इकाइयों पर पर्यावरणीय मुआवजा लगाने का निर्देश दिया, बाद में एसीसी सीमेंट्स पर 1.29 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
अल्ट्रा टेक सीमेंट (UltraTech Cement) के मामले में बोर्ड ने पाया कि नवंबर 2020 से जून 2021 तक स्टॉक की निगरानी वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के उल्लंघन में मानदंडों से अधिक थी। इकाई को कारण बताओ नोटिस भी दिया गया था। 23 मार्च को अल्ट्रा टेक सीमेंट्स पर 68 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। बोर्ड की कार्रवाई निदेशक उद्योग द्वारा निर्माताओं को जारी एक नोटिस के बाद हुई है, जो अनुमोदन की शर्तों और खनन योजना का पालन करने में विफलता के लिए है।
बता दे कि सीमेंट की कीमतें कम करने के राज्य सरकार के निर्देशों का पालन करने में सीमेंट निर्माता विफल रहे। हिमाचल एक विनिर्माण (Manufacturing State) राज्य होने के बावजूद भी यहां सीमेंट की कीमत पड़ोसी राज्यों की तुलना में अधिक हैं। ऐसा भी बताया जा रहा है कि विभिन्न विभाग सीमेंट निर्माताओं को सक्रिय रूप से नोटिस जारी कर रहे हैं।